2 मार्च 2013 को हुई थी घटना
सीबीआई के वकील के.पी. सिंह ने बताया कि यह मामला 2 मार्च 2013 का है। बलीपुर गांव में प्रधान के परिजनों और समर्थकों ने कुंडा के सीओ जियाउल हक की हत्या कर दी थी। इस मामले की जांच सीबीआई ने की और इसके बाद दोषियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सीबीआई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को जियाउल हक हत्याकांड मामले की सुनवाई के दौरान सभी 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था। आज कोर्ट का फैसला आया है। सभी आरोपियों को धारा 302 और 149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही हर एक आरोपी पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने की आधी रकम जियाउल हक की पत्नी को दी जाएगी।”सीओ जियाउल हक हत्याकांड में राजा भैया पर लगे थे आरोप
मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर भी आरोप लगे थे। राजा भैया के अलावा उनके करीबी गुलशन यादव का भी नाम सामने आया था। बाद में उन्हें क्लीन चिट दे गई थी। यह भी पढ़ें
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आरोपियों को सजा हुई, अब क्या रह गया मलाल
जियाउल हक के अब्बू शमशुल हक और उनकी अम्मी हाजरा खातून ने मीडिया को बताया कि वो सीबीआई कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं लेकिन जिसने इस पूरी वारदात का चक्रव्यूह रचा उसके बचने का मलाल है। इसके बाद इस हत्याकांड में कुंडा विधायक राजा भैया को क्लीन चिट दिए जाने पर पिता शमशुल हक ने कहा कि मुलजिम तो राजा भैया और गुलशन यादव ही थे। पता नहीं कैसे राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई। सीबीआई ने लीपापोती कर दी या फिर किसी और ने लेकिन पूरा चक्रव्यूह उन्हीं का रचा हुआ था। उन्होंने ही हत्या कराई।