हैरानगी तब होती है जब 12000 रूपए महीने की नौकरी करने वाला इंसान इस कार के फीचर्स से लेकर कीमत तक जुबान पर रट कर बैठा होता है। ये इस कार के प्रति लोगों के जुनून को दिखाता है जो शायद ही कभी पूरा हो। क्योंकि Audi की सबसे सस्ती कार A3 भी मार्केट में 33.12 लाख रूपए की कीमत रखती है जो किसी भी मध्यम वर्गीय इंसान के लिए बहुत बड़ी बात है।
टियर2 और टियर 3 शहरों तक कैसे पहुंचेगी ऑडी-
AUDI भारत में अपनी कारों की पहुंच बढ़ाने के लिए छोटे और मझोले शहरों पर फोकस कर रही है लेकिन जिन मझोले शहरों में प्रति व्यक्ति आय ही 71,846 रूपए ( 2018 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की प्रति व्यक्ति आय) और 64,907 रूपए ( 2018 में NCR में आने वाले गाजियाबाद की प्रति व्यक्ति आय) हो वहां के लोगों को ऑडी बेचना गंजे को कंघी बेचना जैसा ही है।
जनवरी 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करोड़पतियों की संख्या 3 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है लेकिन कार कंपनियां इस बात से परेशान है कि करोड़पतियों की संख्या बढ़ने के बावजूद महंगी कारों की बिक्री में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। 2018 में महज 40,788 लग्जरी कारें ही बिकीं हैं। जो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। कम बिक्री के चलते फोर्ड जैसी कंपनियां भारत से अपना बोरिया बिस्तर बांधने की तैयारी कर रही है तो ऐसे में ऑडी का भारत में भविष्य क्या होगा अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है।
Audi के लिए जरूरी है 1.25 लाख रूपए मंथली इंकम-
मशहूर ऑटो एक्सपर्ट टुटू धवन से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होने साफ शब्दों में कहा ‘हालांकि एक्सपैंशन के लिहाज से ऑडी की बिजनेस पॉलिसीज अच्छी हैं लेकिन फिर भी ये सोचना कि मिडिल क्लास इंसान ऑडी खरीद सकता है तो ये सपना ही है क्योंकि ऑडी खरीदने के लिए एक इंसान की प्रति माह आय कम से कम 1 से 1.25 लाख तक होनी चाहिए। ‘
किराए पर चला सकते हैं audi-
अपने भविष्य पर मंडरा रहे इस खतरे को देखते हुए ही कंपनियां टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर्स को सेल्फ ड्राइव ऑप्शन के तौर पर अपनी कारें उपलब्ध करा रही हैं । कि इसी बहाने आम आदमी के हाथ में महंगी कार का स्टीयरिंग थमाया जा सके, ( drivezy और zoomcar सेल्फ ड्राइव ऑप्शन में यूजर को ऑडी और bmw जैसी कारें दे रही है, ओला भी ये सर्विस शुरू करने वाली है।) लेकिन यहां भी ट्विस्ट है क्योंकि इन कारों को एक दिन चलाने के लिए यूजर को किसी कार की emi के बराबर रकम चुकानी पड़ती है।
सपना ही रहेगा ऑडी चलाना-
ऑडी प्रीमियम सेगमेंट हाइएंड लग्जरी कारें बनाती हैं भले ही कंपनी छोटे शहरों में अपनी पहुंच बनाना चाहती है लेकिन हकीकत के धरातल पर ये सपना पूरा होता नजर नहीं आता क्योंकि ऐसा होने के लिए न सिर्फ कार की कीमत कम करने की जरूरत होगी बल्कि लोगों की आय भी उसी रफ्तार से बढ़नी होगी लेकिन भारत में रहने वाले हर व्यक्ति की इंकम में हर साल 100 फीसदी इजाफा होने की सूरत में भी अगले 5 सालों तक ये सपना पूरा होते नहीं दिखता।