कोई आचार बेचने वाला है तो कोई योगा ट्रेनर तो कोई स्कूल प्रिंसिपल ममता बनर्जी को हराने की इच्छा रखकर भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी मैदान में उतरे 12 प्रत्याशियों में से छह उम्मीदवार निर्दलीय हैं। वहीं तीन छोटे दलों से हैं। जबकि सबसे बड़ी टक्कर बीजेपी ( BJP ) की कैंडिडेट प्रियंका टिबरेवाल ( Priyanka Tibrewal ) दे रही हैं।
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West Bengal : बाबुल सुप्रियो बोले TMC से मिला चुनौतीपूर्ण ऑफर, बताया कब देंगे सांसद पद से इस्तीफा भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी के खिलाफ उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। जहां कुछ प्रत्याशी सिर्फ मनोरंजन के लिए चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं तो कुछ का दावा है कि वह बदलाव के लिए मैदान में हैं।
फेमस होने के लिए लड़ रहीं चुनाव
अचार बेचने और स्वयं सहायता समूह का प्रबंधन करने वाली रूमा नंदन की मानें तो ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़कर वे मशहूर होना चाहती हैं। रूमा का कहना है कि इससे उन्हें सामाजिक कार्यों में मदद मिलेगी।’
वहीं 60 वर्षीय सुब्रत बोस और 50 साल के मलय गुहा रॉय का कहना है कि वे मनोरंजन के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बोस वित्तीय सलाहकार हैं, वे नंदीग्राम में भी ममता के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। इस चुनाव में बोस को 77 वोट मिले थे। बोस बताते हैं तब मुझे कोई नहीं जानता था अब मुझे जानने वाले बहुत लोग हैं।
ये उम्मीदवार चुनाव को लेकर गंभीर
एक निर्दलीय उम्मीदवार और छोटे दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो अन्य उम्मीदवारों ने चुनाव को लेकर गंभीरत दिखाई है। पर्यावरण अध्ययन और शास्त्रीय संगीत में स्वर्ण पदक विजेता चंद्रचूर गोस्वामी ने कहा है कि, ‘मैं यहां भ्रष्टाचार और चुनाव के बाद की हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए हूं।’
यह भी पढ़ेंः West Bengal: दिलीप घोष ने बाबुल सुप्रियो को बताया राजनीतिक पर्यटक, दिनेश त्रिवेदी ने पूछा बड़ा सवाल बदलाव के लिए लड़ाईतीन साल पुरानी पार्टी भारतीय न्याय अधिकार रक्षा पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाली योगा ट्रेनर स्वर्णलता सरकार और बहुजन महा पार्टी से स्टेशरी दुकान के मालिक मंगल सरकार भी चुनाव को लेकर गंभीर हैं। उनका कहना है कि बदलाव लाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए भले ही 12 प्रत्याशियों ताल ठोक रहे हैं, लेकिन असली मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल के साथ ही नजर आ रहा है।