उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप ( Congress Leadership ) में इतनी निगेटिविटी भरी ( Full Negativity ) हुई है कि उसका असर खुद उन्हें दिखाई पड़ रहा है। इस निगेटिविटी का सबसे ज्यादा शिकार खुद कांग्रेस पार्टी ( Congress Party ) और उसके युवा नेता ( Youth Leader ) ही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो राजस्थान में केवल मूकदर्शक बनी हुई है।
Political crisis : पायलट और गहलोत की तकरार कांग्रेस का पुराना इतिहास, पार्टी में हमेशा भारी पड़ते हैं बुजुर्ग नेता आर या पार की लड़ाई बता दें कि राजस्थान में सीएम पद ( CM Post ) को लेकर शुक्रवार से कांग्रेस में घमासान जारी है। अपनी उपेक्षा से आहत सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) ने इस बार आर या पार की लड़ाई छेड़ दी है। वह पिछले पांच दिनों में दिल्ली में डटे हैं। उनकी मांग है कि अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) को सीएम पद से हटाकर पार्टी उन्हें सीएम बनाए। उनका आरोप है कि जब उन्हें डिप्टी समीएम बनाया गया था तब भी उनके साथ अन्याय हुआ था।
उसके बाद भी पार्टी में उनकी उपेक्षा होती है। उनके लोगों को राजनीतिक उत्पीड़न ( Political persecution ) का शिकार सीएम बनाते रहे है। अब तो बात मान-सम्मान की है। इसलिए समझौता संभव नहीं हैं।
Global Terrorism : पाक की भूमिका पर UNSC चर्चा के लिए तैयार, पाकिस्तान फिर होगा बेनकाब सीएम पद से कम पर राजी नहीं पायलट बताया जा रहा है कि पायलट के समर्थन में 25 से 30 विधायक हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए चार दिन तक दिल्ली में पायलट की उपेक्षा करने वाली कांग्रेस आलाकमान ( Congress high command ) अचानक सोमवार से सक्रिय हो गई है। कांग्रेस के टॉप नेताओं ने सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की है, लेकिन वह सीएम पद से कम पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनकी इस जिए की वजह से कल से जारी मान मनौव्वल का सिलसिला मंगलवार को टूट गया।
एक महीने में दूसरी बार होटल में कैद हुई सरकार ताज्जुब की बात यह है कि एक महीने में दूसरी बार है जब राजस्थान में कांग्रेस के विधायक पांच सितारा होटल में दूसरी बार कैद किए गए हैं। अब तो कांग्रेस का अंदर का गुस्सा सड़क पर आने लगा है। कांग्रेस के विधायकों में अंतर्विरोध इतना ज्यादा है जिस दिन पुलिस का पहरा हटा उसी दिन राजस्थान सरकार ( Rajasthan Government ) गिर जाएगी और कांग्रेस बिखर जाएगी।