इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमण ( Coronavirus ) के चलते उप चुनाव टलने से उद्धव का विधानसभा में पहुंचना मुश्किल हो गया है, जिसके चलते अब उनके पास केवल विधान परिषद ( Legislative Assembly ) का ही विकल्प बचा है।
जिसके लिए उन्होंने युद्ध स्तर पर प्रयास करने शुरू कर दिए है। इसी क्रम में उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) से भी मदद मांगी है।
कश्मीर: प्रधानमंत्री मोदी ने हंदवाड़ा के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा— भुलाया न जाएगा बलिदान
दरअसल, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उनसे मदद मांगी है।
दरअसल, उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में भेजने का फैसला महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा लिया जाना है।
सूत्रों की मानें तो उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर राजभवन से अपना रास्ता साफ किए जाने का अनुरोध किया है।
कोरोना मरीजों का हौसला बढ़ाने को डॉक्टरों की अनोखी पहल, ‘मुन्नाभाई’ भाई बन किया डांस
‘आरोग्य सेतु’ पर सियासत गरम, ओवैसी ने बताया प्राइवेसी में सेंध तो रविशंकर ने राहुल पर साधा निशाना
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बताया कि राजभवन से उनके विधान परिषद में भेजे जाने का निर्णय होना राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का एक प्रयास है।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने यह भी कहा कि कोरोना जैसे महासंकट के बीच महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा होना एक नई चुनौती है।
ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील भी की।