पिछले लंबे समय से तेज प्रताप राजद के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। कभी परिवार की कलह तो कभी विवादित बयान। तेज प्रताप की वजह से पार्टी को नुकसान का डर सताने लगा है। इस डर से निपटने के लिए पार्टी अब कड़ी रुख अख्तियार करने के मूड में है।
महीने भर से तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई न करने की लाचारी भी साफ-साफ दिख रही है। राजद के बागी सवाल भी उठा रहे हैं कि पार्टी में दोहरा मापदंड क्यों है? आरजेडी छोड़ मधुबनी से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने पूर्व पार्टी पर निशाना साधा है और पूछा है कि जिस जुर्म में अन्य नेताओं पर कार्रवाई कर दी जा रही है, उसी जुर्म में तेज प्रताप पर अबतक मेहरबानी क्यों है? लेकिन इन सब के बीच अब पार्टी ने तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
जल्द बन सकती है अनुशासन समिति
सवालों से घिरी राजद के लिए अब जरूरत आ गई है तेज प्रताप पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर कार्यकर्ताओं और नेताओं में सकारात्मक संकेत दे। ऐसे में सूत्रों की माने तो जल्द ही पार्टी में अनुशासन समिति का गठन हो सकता है।
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप पिछले वर्ष से ही चर्चा में बने हुए हैं। पहले पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने की अर्जी दाखिल की ओर अपने परिवार से वैचारिक संबंधों में अलगाव दिखाया। पिछले पांच महीने से मथुरा-वृंदावन की कई परिक्रमा कर चुके तेज प्रताप ने अपनी मां राबड़ी देवी के सरकारी आवास से भी दूरी बना रखी है। वहीं छोटे भाई तेजस्वी यादव को लेकर भी आए दिन वे कोई न कोई बड़ा बयान दे ही देते हैं। इसके अलावा टिकट बंटवारे में विवाद कर के भी तेज प्रताप ने काफी सुर्खियां बंटोरी। ऐसे में पार्टी और परिवार के सामने तेज प्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई की मजबूरी है। अब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि इस मामले पर विचार के लिए पार्टी अनुशासन समिति का गठन कर सकती है। ताकि भविष्य में किसी तरह की नुकसान पार्टी ना झेलना पड़े।