इसी बीच शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने भी मोदी सरकार की आलोचना की है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ईडी का प्रॉडक्ट बताया है। संजय राउत ने कहा, ‘ईडी द्वारा विरोधी दलों को डराने का काम किया जा रहा है। अगर ईडी नहीं होती तो महाराष्ट्र की सरकार नहीं बन पाती। आज के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ED का प्रोडक्शन हैं।’
राउत ने आगे कहा, ‘हम भाजपा के लोगों के खिलाफ सबूत के साथ शिकायतें भेजते रहते हैं। इनके खिलाफ जांच कब शुरू होगी?’ शिवसेना सांसद ने कहा, ‘मैंने महाराष्ट्र के तीन मंत्रियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत ईडी को भेजी थी, मुझे जवाब तक नहीं मिला, इनके खिलाफ छापेमारी क्यों नहीं हो रही?’
कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है और इसे ‘बदले की राजनीति’ बताया है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान में ईडी द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री बालाजी की देर रात गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार द्वारा इसका विरोध करने वालों के खिलाफ राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है। विपक्ष में हममें से कोई भी इस तरह के बेशर्म कदमों से डरने वाला नहीं है।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने कहा, ‘हम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की देर रात हुई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। जिस तरह से उनकी स्वास्थ्य की स्थिति के बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया वह अमानवीय है और ED के काम करने के तरीकों पर गंभीर चिंता पैदा करता है।’
आप ने आगे कहा, ‘यह गिरफ्तारी भारत के विपक्ष पर लगातार हो रहे हमले का हिस्सा है और यह हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करती है। हम बालाजी और उन सभी विपक्षी नेताओं के साथ एकजुटता से खड़े हैं जो भाजपा के अलोकतांत्रिक टारगेट के शिकार हुए हैं।’