दिग्विजय को मिला था मौका पिछड़ गए थे माधवराव सिंधिया
बाबरी विध्वंस के बाद प्रदेश में 1993 में चुनाव हुए थे। इन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी और सीएम की रेस के प्रबल दावेदार माधवराव सिंधिया माने जा रहे थे। ग्वालियर राजघराने के महाराज माधवराव सिंधिया को मुख्यमंत्री बनने की तैयारी थी। ऐसा कहा जाता है कि माधवराव सिंधिया को कहा गया था कि उन्हें किसी भी वक्त सीएम बनने का फोन आ सकता है। उस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता अर्जुन सिंह ने कई और नामों पर विचार करने का प्रस्ताव रखा। विधायक दल की बैठक में किसी भी नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में दिग्विजय सिंह नाम सामने आया। वो उस वक्त मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। भोपाल में विधायक दल की बैठक हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी फैसला दिल्ली से किया गया और मुख्यमंत्री के लिए दिग्विजय सिंह का नाम सामने आया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, अर्जुन सिंह के कारण ही माधवराव सिंधिया का नाम सीएम पद की रेस से बाहर हो गया था। माधवराव सिंधिया की जगह ही दिग्विजय सिंह सीएम रेस में शामिल हुए थे और बाद में उन्हें ही मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
2018 में भी दिल्ली में हुआ फैसला 2018 के विधानसभा चुनावों के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आए। कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की। कांग्रेस को इन चुनावों में 114 सीटें मिलीं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे था। पर्यवेक्षक के रूप में एके एंटोनी विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचे थे। विधायकों से मंत्रणा की विधायकों की राय लेकर दिल्ली आलाकमान के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की। अगल दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने भी मुलाकात की। कई दौर की बैठकें चली लेकिन किसी का भी नाम फाइनल नहीं हो सका। देर रात 11 बजे सीएम के नाम का ऐलान किया गया और एक बार फिर से बाजी सिंधिया राजघराने से दूर चली गई और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को मुख्यमंत्री घोषित किया गया।
राहुल गांधी ट्वीट की थी फोटो मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे मंथन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिंधिया और कमलनाथ के साथ एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि समय और धैर्य। जब फैसला आया था समय कमलनाथ के साथ और धैर्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ।