वहीं, फोन टैपिंग की खबरों में राहुल गांधी का नाम सामने आने के बाद से कांग्रेस सरकार पर आगबबूला हो गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा तक मांग लिया है। वहीं सरकार पर 6 तीखे सवाल भी दागे हैं।
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने फोन टैपिंग को लेकर कहा कि सरकार ने लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलकर ‘भारतीय जासूस पार्टी’ रख लेना चाहिए।
सरकार पर राहुल गांधी की जासूसी करने का आरोप
कांग्रेस ने सरकार पर राहुल गांधी की जासूसी करने का आरोप लगाया है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने न सिर्फ राहुल गांधी की बल्कि विपक्ष के दूसरे कई नेताओं की जासूस करवाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने राहुल गांधी की, उनके स्टाफ की, खुद के कैबिनेट मंत्रियों की, पत्रकारों की और एक्टिविस्टों की जासूसी करवाई है।
जासूसी कांड सामने आने के बाद से राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला और अधीर रंजन चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह की इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि जासूसी मामला उजागर होने के बाद गृहमंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने सरकार से पूछे 6 सवाल
पत्रकारों और विपक्षी दलों के नेताओं की फोन टैपिंग का मामला सामने आने के बाद से कांग्रेस भड़क गई है और सरकार पर लगातार हमले कर रही है। अब कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगने के साथ-साथ सरकार से 6 सवाल पूछे है..
1. क्या 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी-शाह जासूसी करवा रही थी?
2. 2019 से 2021 के बीच यदि आपको (प्रधानमंत्री मोदी) जानकारी थी तो आप और गृहमंत्री अमित शाह इसपर चुप क्यों रहे?
3. देश में आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी गृहमंत्री की है तो ऐसे में अब उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।
4. राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेता, कैबिनेट मंत्रियों, पत्रकारों, समाजिक कार्यकर्ताओं और देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाना अगर देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है तो फिर क्या है?
5. भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर कब खरीदा? इसकी इजाजत पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह ने दी या नहीं और इसके लिए कितना खर्च किया गया?
6. क्या अब इस मामले में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच होनी चाहिए या नहीं?
भाजपा और सरकार ने आरोपों से किया इनकार
पेगासस जासूसी का मामला सामने आने के बाद सरकार ने अपने उपर लग रहे आरोपों को खारिज किया है। वहीं भाजपा ने भी कांग्रेस के आरोपों को गलत करार दिया है। सरकार की ओर से संसद में केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जवाब दिया और कहा कि देश में फोन सर्विलांस (Phone Surveillance) के बारे में एक कानून बना हुआ है। इस कानून के तहत ही सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में ही फोन टैपिंग की इजाजत है। इसके लिए गृह सचिव लेवल के अधिकारी लिखित में अनुमति देते हैं। साथ ही हर मामले की पूरी निगरानी की जाती है और डिटेल रखी जाती है।
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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कथित ‘Pegasus Project’ पर जो रिपोर्ट सामने आई है उसे देखने से पता चलता है कि एक खास अवधारणा के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें न तो कोई तथ्य है और न लॉजिक। लगता है कि भारत की छवि धूमिल करने के लिए यह किया गया है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले रविवार रात को एक वेब पोर्टल पर सनसनीखेज तरीके से प्रकाशित किया गया है और यह संयोग नहीं हो सकता है।
दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज करते हुए स्तरहीन करार दिया। उन्होंने कहा कि NSO ने खुद बताया है कि वो पेगासस सॉफ्टवेयर 45 देशों को देती है, तो फिर भारत को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है? कांग्रेस इसपर सदन में चर्चा करे सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।