झारखंड की राजधानी रांची में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) के विस्तार का उदेश्य भारत को विश्वगुरू बनाना है।
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RSS प्रमुख यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद जैसे शब्द का इस्तेमाल से बचना ही बेहतर है, क्योंकि इसका मतलब नाजी या हिटलर से जोड़कर देखा जा सकता है।
इसलिए बजाए इसके राष्ट्र या राष्ट्रीय जैसे शब्दों को इस्तेमाल किया जा सकता है।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया को अभी आतंकवाद, कट्टरपंथ और जलवायु परिवर्तन जैसे बड़ी चुनौतियों से पार पाना है। इस दौरान भागवत ने दुनिया के विकसित देशों पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि विकसित देश अपने व्यापार को हर देश में फैला कर फिर अपनी शर्तों पर काम कराते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने मुंहबाए खड़ी समस्याओं से केवल भारत ही निजात दिला सकता है।
इसलिए अब भारत को दुनिया का नेतृत्व करने की बात सोचनी चाहिए। भागवत ने कहा कि देश की एकता ही असली शक्ति है।