RJD सांसद मनोज झा ने बताया नीतीश सरकार को फेल, पीएम मोदी को खत लिख बताई ये बात
एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ Covid-19 से बिहार के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
RJD MP Manoj Jha ने कहा कि दोनों ही मामलों को सरकार गंभीरता के साथ नहीं ले रही है।
बिहार के लोगों के लिए आरजेडी की ओर से आपकी Meaningful initiative की आशा में पत्र लिख रहा हूं।
एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ Covid-19 से बिहार के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
नई दिल्ली। बिहार में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) कहर जारी है। बेकाबू कोरोना प्रदेश के लोगों के लिए अब आपदा ( Disaster ) बन गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आरजेडी से राज्यसभा सांसद मनोज झा ( RJD MP Manoj Jha ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) एक खत लिखा है।
सांसद मनोज झा ने अपने खत में नीतीश सरकार ( Nitish Government ) को कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह से विफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार इस समय दोहरी आपदा एक साथ झेल रहा है। एक तरफ कोरोना का संक्रमण (Corona infection) सामुदायिक विस्तार ( Corona spread ) ओर अग्रसर है तो दूसरी ओर कई जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar ) तबाही मचा रही है।
आरजेडी सांसद ने दावा किया है कि दोनों ही मामलों को वह गंभीरता के साथ निपट रही है। लेकिन, शासन के दावों पर विपक्ष को भरोसा नहीं है। यही वजह है कि आरजेडी (RJD) नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है।
इसी क्रम में प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) बुधवार को मिथिलांचल में बाढ़ग्रस्त इलाके के दौरे पर गए तो दिल्ली में आरजेडी के सांसद मनोज झा ( Manoj Jha ) ने पीएम मोदी को बिहार की बदहाल स्थिति पर एक पत्र लिखा। इसमें आरजेडी सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को बिहार में कोरोना और बाढ़ से दोहरी मार की जानकारी देते हुए तत्काल केंद्र सरकार ( Central Government ) से इस मामले में पहल की अपेक्षा की है।
… तो इसलिए हुआ पटना NMCH सुप्रीटेंडेंट का तबादला, जानिए पूरा सच आरजेडी सांसद ने चिंता जाहिर करते हुए लिखा है कि राज्य की राजधानी पटना सहित अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। पटना में हर दूसरे जांच में संक्रमण की खबर है पर जांच भी नहीं हो रही है।
उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से आशंका जताई कि कोरोना के जितने मामले दर्ज किए गए हैं, केस इससे कहीं और ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि इस सघनता के साथ जांच नहीं हो पा रही है। उन्होंने जिला अस्पतालों में डाक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट ( PPE Kit ) जैसी मूलभूत चीजों की कमी का भी जिक्र किया है।
मनोज झा ( Manoj Jha ) ने आगे लिखा है कि जान माल की क्षति का आकलन तो दूर आपदा प्रबंधन की पहल कर्मियों का कोई संकेत अब तक नहीं देखा गया है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की स्थिति का जिक्र करते हुए लिखा है कि वे अपने घरों को वापस आ तो गए हैं पर इस महामारी और अभी की बाढ़ ने इन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।