दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी अपनी मेहनत और लगन के बल पर सियासी करिअर ( Political career ) में आगे बढ़े। इतना ही नहीं अपनी सक्रियता, बौद्धिकता और मुखरता के बल पर वह बहुत कम समय में जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता बन गए। उन्होंने गाजियाबाद में लोकदल ( Lokdal ) से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और प्रदेश स्तर तक पहुंचे।
राजस्थान में बच गई कांग्रेस सरकार, अब Rahul Gandhi को दिया जा रहा है इस बात का श्रेय आक्रामक तेवर के दम पर हासिल किया मुकाम उसके बाद राजीव त्यागी सबको चौंकाते हुए कांग्रेस के तेजतर्रार प्रवक्ता बनकर सामने आए और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। काम के प्रति लगन और विरोधियों के खिलाफ हर स्तर पर आक्रामक तेवर ( Aggressive attitude ) अख्तियार करने वाले राजीव न केवल गांधी परिवार ( Gandhi Family ) के करीब आए बल्कि राहुल और प्रियंका गांधी के खास बन गए।
बता दें कि गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-16 में रहने वाले कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने राजनीतिक करिअर की शुरूआत लोकदल से की थी। वह चौधरी अजित सिंह के नेतृत्व में राजनीति करते थे और लोकदल ने उन्हें गाजियाबाद का जिलाध्यक्ष बनाया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की।
Sushant Singh Suicide Case: CBI जांच को लेकर पहली बार आया शरद पवार का बड़ा बयान, पुलिस को लेकर कही ये बात 21 साल पहले अटल बिहारी को दिखाए थे काले झंडे 19 मार्च, 1999 में वो अचानक उस समय चर्चा आ बए जब अटल बिहारी वाजपेयी की सिखेड़ा गांव में एक सभा में राजीव ने अपने साथियों के साथ उन्हें काले झंडे दिखाए थे। इस घटना के बाद राजीव त्यागी को कुछ घंटे के लिए हिरासत में भी रखा गया था। इसके बाद से राजीव लगातार पार्टी की सेवा में लगे रहे। उनके निधन के बाद राजीव त्यागी के लंबे सियासी सफर को देख चुके उनके साथियों ने कहना है कि यकीन नहीं हो रहा कि वह हमारे बीच नहीं हैं।
जनहितैषी मुद्दों पर 5 बार गए जेल अपने तेजतर्रार और मुखर छवि के काण राजीव त्यागी न केवल एमबीए की पढ़ाई के बाद राजनीति में शामिल हो गए बल्कि 20 साल के अपने सियासी सफर के दौरान विरोध-प्रदर्शनों के सिलसिले में 5 बार जेल भी जा चुके हैं।
गाजियाबाद के पहले नेता जो कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने उन्होंने किसानों और आम जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष और राजीव त्यागी के मित्र बिजेंद्र यादव ने बताया कि 2005-06 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। उस वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। तब से उन्होंने पार्टी की विचारधारा के साथ मिलकर काम किया और आगे बढ़ते गए। गाजियाबाद के वह पहले ऐसे नेता थे जो कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने।
पार्टी विचारधार के प्रति समर्पित नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए राजीव त्यागी को प्रवक्ता के पैनल में शामिल किया था। कुशल वक्ता और पार्टी विचारधारा के लिए समर्पित राजीव त्यागी को इसके बाद पार्टी महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने उन्हें यूपी की कमेटी में शामिल किया और दोबारा पार्टी का प्रवक्ता बनाया। कांग्रेस की ओर से उन्हें दूसरे राज्यों में होने वाले चुनाव में प्रभारी के तौर पर भी भेजा जाता रहा है।राहुल बोले – ‘कांग्रेस ने बब्बर शेर खो दिया।‘
वैचारिक स्तर पर राजीव त्यागी के स्तर का इसी अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके निधन के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल से अपने साथ उनकी फोटो शेयर की। राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस का बब्बर शेर बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने आज अपना एक बब्बर शेर खो दिया। उन्होंने राजीव के निधन पर गहरा दुख जताया और पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति बताई। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि राजीव त्यागी की असामयिक मृत्यु मेरे लिए एक व्यक्तिगत दुख हैं। हम सबके लिए अपूणर्नीय क्षति है। वह विचारधारा समर्पित योद्धा थे।