हाथरस के एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर राहुल गांधी ने बोला हमला।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को मौत के बाद से धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने ट्विट कर इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और अन्यायपूर्ण है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने ट्विट में बताया है कि भारत की एक बेटी का रेप और कत्ल किया जाता है। इससे जुड़े तथ्य दबाए जाते हैं। अंत में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।
यूपी में वर्ग विशेष का जंगजराल इससे पहले इस घटना पर मंगलवार को उन्होंने अपने ट्विट में लिखा था कि यूपी में ‘वर्ग-विशेष’ के जंगलराज ने एक और युवती को मार डाला। सरकार ने कहा कि ये फ़ेक न्यूज है। इसके बाद पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया। न तो ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना फ़ेक थी, न ही पीड़िता की मौत और न ही सरकार की बेरहमी।
Sushant Case : एनसीपी प्रमुख शरद पवार बोले – अब जांच अलग दिशा में चली गई हैइंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन बता दें कि दो सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई। उसके निधन के बाद दिल्ली से लेकर यूपी तक में असंतोष है। कई जगह प्रदर्शन किए गए और लोगों ने इस मामले में इंसाफ की मांग की है।
देश हित में कृषि कानून का विरोध जरूरी दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा है कि देश के भविष्य के लिए इन कानूनों का विरोध करना पड़ेगा। किसानों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान यह दावा भी किया कि नोटबंदी और जीएसटी की तरह इन कानूनों का लक्ष्य भी किसानों और मजदूरों को कमजोर करना हैं। राहुल गांधी ने किसानों से कहा है कि मेरा मानना है कि किसानों के लिए नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए कृषि कानूनों का विरोध करना पड़ेगा।
Hindi News / Political / Rahul Gandhi : यूपी सरकार ने रेप पीड़िता के परिवार से अंतिम संस्कार का हक छीना, ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है