यही नहीं उन्होंने कहा कि देश में हिंदू धर्म और हिंदुत्सव दोनों में अंतर है। राहुल ने कहा, 2014 से पहले विचारधारा की लड़ाई केंद्रित नहीं थी. लेकिन आज के हिन्दुस्तान में विचारधारा की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण हो गई है।
यह भी पढ़ेँः नवाब मलिक का कंगना रनौत पर तंज, बोले- ले ली ड्रग की ओवरडोज, स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने पर वापस लें ‘पद्म श्री’ राहुल गांधी ने कहा, देश में दो विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की और एक RSS की। देश में बीजेपी और RSS ने नफरत फैला दी है और कांग्रेस कीजोड़ने और भाईचारे की विचारधारा पर भारी पड़ गई।
राहुल गांधी ने इशारों-इशारों में पार्टी नेता सलमान खुर्शीद की किताब पर चल रहे विवाद को लेकर अपनी बात रखी। राहुल ने कहा, ‘आखिर हिदू धर्म और हिंदुत्व में क्या अंतर है, क्या वे एक ही बातें हैं। अगर वे एक ही बात हैं, तो हम उनके लिए एक जैसा नाम क्यों नहीं इस्तेमाल करते? ये जाहिर तौर पर दो अलग-अलग चीजें हैं। क्या हिंदू धर्म किसी सिख या मुस्लिम को मारना है, लेकिन हिंदुत्व का यही काम है।’
कांग्रेसी विचारधारा का प्रसार जरूरी
कांग्रेस सांसद ने कहा, हमारी विचारधारा अभी भी जिंदा है, जीवंत है, लेकिन इसका प्रभाव कुछ कम हुआ है। राहुल ने पार्टी की विचारधारा आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इसका प्रभाव कम इसीलिए हुआ है, क्योंकि हम इसका अपने ही लोगों के बीच ठीक से प्रसार नहीं कर पाए।
कांग्रेस सांसद ने कहा, हमारी विचारधारा अभी भी जिंदा है, जीवंत है, लेकिन इसका प्रभाव कुछ कम हुआ है। राहुल ने पार्टी की विचारधारा आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इसका प्रभाव कम इसीलिए हुआ है, क्योंकि हम इसका अपने ही लोगों के बीच ठीक से प्रसार नहीं कर पाए।
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राहुल ने कहा, हमारी कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति कितना भी सीनियर हो, कितना भी जूनियर हो, उसके लिए ट्रेनिंग अहम है। चरणबद्ध तरीक से प्रशिक्षण काफी अहम है और यह हमें पूरे देश में करनी है।
अगर हमने अपनी विचारधारा को अपने संगठन में गहराई से उतार लिया, तो हम आगे बढ़ सकते हैं।
राहुल ने कहा, हमारी कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति कितना भी सीनियर हो, कितना भी जूनियर हो, उसके लिए ट्रेनिंग अहम है। चरणबद्ध तरीक से प्रशिक्षण काफी अहम है और यह हमें पूरे देश में करनी है।
अगर हमने अपनी विचारधारा को अपने संगठन में गहराई से उतार लिया, तो हम आगे बढ़ सकते हैं।