हालांकि मध्य प्रदेश में नए सिरे से जारी उठापटक चैंकाने वाली नहीं है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की कमलनाथ सरकार तख्ता पलट करने की फिराक में काफी पहले से है। लेकिन बीजेपी अब कांग्रेस को तोड़ने में कामयाब हो गई।
क्या एमपी में जय और वीरू ने बजा दी कमलनाथ की घंटी? चैंकाने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत का दावा किया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि चिंता की बात नहीं है, हमारे पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को कैद किया गया है। ये बीजेपी की राजनीति है। हम इस संकट से पार पा लेंगे।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार शाम बैठक हुई जिसमें कांग्रेस के सिर्फ 88 विधायक पहुंचे। जबकि 26 विधायक गैरहाजिर रहे जिसमें 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया यानी कांग्रेस के चार और विधायक मीटिंग से गायब रहे।
पंजाबः शिवसेना के राष्ट्रीय प्रचारक महंत कश्मीर गिरी पर जानलेवा हमला, हमलावर फरार बता दें कि कांग्रेस के कुल 114 विधायक हैं। इनमें से 22 ने खुले तौर पर अपने इस्तीफे दे दिए हैं। जबकि विधायक दल की बैठक में चार और विधायक शामिल नहीं हुए। इसके बावजूद बैठक के बाद कमलनाथ ने बहुमत का दावा किया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भी बैठक में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।