कपिल सिब्बल ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में हरीश रावत सरकार ( Harish Rawat Government ) को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने की अनुमति मिली थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 16 से अधिक विधायक बेंगलूरु में हैं। एमपी में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने को लेकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) को जमकर लताड़ लगाई।
खुलते ही धड़ाम हुआ शेयर बाजार , 1800 अंक टूटकर खुला सेंसेक्स, निफ्टी ने किया निराश कपिल सिब्बल ने मीडिया की ओर ये यह पूछे जाने पर की क्या कमलनाथ सरकार बचेगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह सदन के पटल पर साबित होगा। मुख्यमंत्री ही सही स्थिति बता पाएंगे। कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि सरकार अच्छी और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करती है तो उसे चाहिए कि वह 10वीं अनुसूची में संशोधन करे।
उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस पार्टी व्हिप ( Party Whip ) के खिलाफ जाने वाले विधायकों को लंबे समय तक चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए। ऐसे विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के छह साल तक उन्हें किसी भी पद पर नहीं बने रहने देना चाहिए।
Coronavirus: 25 डिग्री होगा AC कोच का तापमान, रेलवे अगले आदेश तक नहीं देगी कंबल बात दें कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ( Governor Lalji Tandon ) ने कांग्रेस सरकार को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि, सोमवार को होने वाली विधानसभा की कार्यवाही की सूची में इसका जिक्र नहीं था। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित करना पड़ा है।
इससे पहले प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ । लेकिन वे सिर्फ एक पैरा ही पढ़ सके और उन्होंने इसे सिर्फ लगभग डेढ़ मिनट में पूरा कर दिया। इसे राज्यपाल की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। राज्यपाल ने सभी सदस्यों को उनके दायित्व कर्तव्यों के निर्वहन की सलाह दी है।