नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए एकत्र किसानों पर लाठियां बरसाने का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया है। भाजपा का कहना है कि जब 25 दिसंबर को अटल जयंती मनाते हुए पीएम मोदी का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ता और किसान जुटे थे, उसी वक्त पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पुलिस से किसानों पर लोहे की रॉड और डंडों से हमला करवा दिया। भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
स्वदेशी Covaxin की स्थिति पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने की भारत बायोटेक से चर्चा, सामने आई यह बात गौतम ने कहा, “पुलिस ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के संरक्षण में पीएम मोदी का भाषण सुनने के लिए बैठे किसानों और कार्यकर्ताओं पर लोहे की रॉड और डंडों से हमला कराया। इससे हमारे कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं, और एक कार्यकर्ता को तो 22-23 टांके आए जबकि किसी के हाथ में फ्रैक्चर हुआ तो किसी के पैर में। कई स्थानों पर किसानों पर इसी निर्दयता से हमला किया गया।”
भारतीय जनता पार्टी के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने इस दौरान पर कहा कि पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता की ही तरह व्यवहार किया। पुलिस ने किसानों पर हुए हमले को रोकने की कोई कोशिश नहीं की और उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से बैठे किसानों से ही पीछे के रास्ते से निकलने और जगह छोड़ने को कहा। पंजाब पुलिस ने हर तरह से पीएम मोदी के कार्यक्रम से किसानों को दूर रखने की कोशिश की और उनको हतोत्साहित किया। इतना ही नहीं पुलिस ने किसानों द्वारा लगाए तंबू भी उखाड़ दिया और किसानों को हटा दिया गया।
उन्होंने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के सवाल पर कहा, “सीमा जाम कर बैठे लोग बार-बार आरोप लगाते हैं कि हम अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि 2014 से पहले अडानी और अंबानी क्या भीख मांगते थे? इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे कई कांग्रेसी नेताओं और शरद पवार के साथ भी अडानी और अंबानी की फोटो मिलेंगी।”
कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना भाजपा सांसद ने कहा, “कांग्रेस के एक सांसद का भी बयान मीडिया में आ चुका है। उन्होंने कहा है कि 1 जनवरी 2020 के बाद देखिएगा कि किस तरह खून-खराबा होगा, कत्लेआम होगा और लाशें बिछी दिखेंगी। मैं इस संबंध में यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आने वाले वक्त में किसी भी तरह का खून-खराबा होने की जिम्मेदारी केवल और केवल कांग्रेस की ही होगी। इसकी वजह कांग्रेस को खून खराबा करके शासन चलाने की आदत पड़ गई है।”
गौतम ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में शामिल वामपंथी सुलह होने ही नहीं दे रहे हैं, जबकि मोदी सरकार ने लगातार पांच-छह बैठकें कर किसानों की हर बात को ध्यान से सुना है। सरकार ने खुले मन से बात करने के साथ ही संशोधन का लिखित आश्वासन दिया है। लेकिन आंदोलनकारी बोल रहे हैं कि सरकार अड़ियल है।