नाम बदलने का किया ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि- कोलकाता का ये पोर्ट भारत की औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की आकांक्षा का प्रतीक है। डेढ़ सौवें साल में प्रवेश करने पर इसे न्यू इंडिया के निर्माण का प्रतीक बनाना आवश्यक है। पीएम ने कहा कि- ‘पश्चिम बंगाल की, देश की इसी भावना को नमन करते हुए मैं कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम, भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, बंगाल के विकास का सपना लेकर जीने वाले और एक देश, एक विधान के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं।’
पोर्ट से रिटायर्ड कर्मचारियों क पेंशन के लिए दिए 500 करोड़ इस मौके पर पीएम ने पोर्ट ट्रस्ट से रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन के लिए 500 करोड़ रुपए का चेक सौंपा। पीएम ने कहा कि मां गंगा के सानिध्य में, गंगासागर के निकट, देश की जलशक्ति के इस ऐतिहासिक प्रतीक पर, इस समारोह का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है।
कई प्रोजेक्ट्स का भी किया शिलान्यास इस मौके पर पोर्ट के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया। आदिवासी बेटियों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए हॉस्टल और स्किल डेवलपमेंट सेंटर का शिलान्यास हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि ये पोर्ट सिर्फ मालवाहकों का ही स्थान नहीं रहा, बल्कि देश और दुनिया पर छाप छोड़ने वाले ज्ञानवाहकों के चरण भी यहां पड़े हैं।
इससे पहले वे बेलूर मठ गए थे। वहां उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही सीएए पर भी अपनी बातें दोहराईं। पीएम जब बेलूर मठ से कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे, तो उन्होंने लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। यहां पर कुछ लोगों ने पीएम मोदी को काले झंडे दिखाए।