इसे लेकर चिदंबरम ने ट्वीट किया, “लोकतांत्रिक सूचकांक में भारत 10 स्थान नीचे फिसला है। बीते दो वर्षों में हुई घटनाओं पर जो भी करीब से नजर रखे हुए हैं, जानता है कि लोकतंत्र का नाश किया गया है और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया गया है। आज जो लोग सत्ता पर काबिज हैं, असली टुकड़े-टुकड़े गैंग वही हैं।”
उन्होंने आगे कहा जिस दिशा में देश आगे बढ़ रहा है, इससे दुनिया में खलबली मची हुई है। बता दें कि 2019 वैश्विक लोकतांत्रिक सूचकांक की रैकिंग सूची में भारत नीचे गिरकर 51वें स्थान पर पहुंच गया है। 165 मुल्कों और दो टेरेटरीज की यह सूची बताती है कि दुनिया में सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक राष्ट्र कौन है और सबसे कम लोकतांत्रिक देश कौन।
इस सालाना रिपोर्ट में वर्ष 2017 और 2018 में भारत को 7.23 स्कोर मिला था जबकि 2016 में यह 7.81 था। वर्ष 2014 में यह स्कोर सर्वाधिक 7.91 था। इस सूची में नंबर एक पर नॉर्वे का नाम है, जबकि इसके बाद आइसलैंड, स्वीडेन, न्यूजीलैंड और फिर फिनलैंड का नाम आता है।
इस सूची में उत्तर कोरिया का स्थान सबसे अंत में आता है, जबकि पाकिस्तान 4.25 स्कोर के साथ 108वें और चीन 2.26 स्कोर के साथ 153वें स्थान पर है।