नई दिल्ली।भारतीय जनता पार्टी की बेबाक और फायरब्रांड नेता सुषमा स्वराज( sushma swaraj ) का निधन हो गया है। मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें नाजुक हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। भाजपा के लिए यह अपूर्णीय क्षति हैै। उनके निधन के बाद वर्ष 2004 का वह बयान याद आना लाजमी है जब उन्होंने ऐलान किया था कि वह सिर मुंडा कर सफेद साड़ी पहनेंगी और जमीन पर सोएंगी।
1999 का किस्सा यह किस्सा है 1999 लोकसभा चुनाव का। तकरीबन एक साल पहले ही सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली थी। 29 अक्टूबर 1999 को सोनिया गांधी ने घोषणा कर दी कि वह उत्तर प्रदेश में अमेठी से और कर्नाटक के बेल्लारी दोनों स्थानों से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।
तब भाजपा ने कांग्रेस की सोनिया गांधी को चुनौती देने के लिए सुषमा गांधी को चुनावी मैदान में उतार दिया। उस वक्त कांग्रेस का प्रमुख गढ़ मानी जाने वाली बेल्लारी सीट पर सोनिया गांधी की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन सुषमा ने कड़ी चुनौती दी।
सुषमा स्वराज ने तब केवल 30 दिनों के भीतर ही कन्नड़ भाषा सीखी और चुनाव प्रचार में कन्नड़ में ही भाषण देने लगीं। सुषमा ( Sushma Swaraj ) ने तब सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए विदेशी बहू और देसी बेटी का जुमला उछाला।
हालांकि सुषमा स्वराज 56 हजार वोटों के अंतर से यह चुनाव हार गईं। फिर भी सुषमा ने यह कहते हुए सबका दिल जीत लिया कि भले ही वह चुनाव हार गईं हों लेकिन संघर्ष उनके नाम रहा।
सुषमा को मेहनत का फल इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सुषमा को इस मेहनत का पुरस्कार भी दिया। उन्हें केंद्र में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री के बाद सुषमा स्वराज को परिवार कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।
इसके बाद सुषमा ने 2004 में मोर्चा संभाला। उस वक्त लोकसभा चुनाव में यूपीए ने एनडीए को हरा दिया था। कांग्रेस ने तैयारी की कि वो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) के नेतृत्व में सरकार बनाएगी।
सुषमा स्वराजः हरियाणा विधानसभा से सात बार संसद तक पहुंचने का सफर, देखें वीडियो सोनिया के सामने सुषमा लोकसभा में यूपीए की जीत के बाद सोनिया गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए भाजपा पूरी तरह विरोध में आ गई। पार्टी ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच सुषमा स्वराज ने आगे आते हुए मोर्चा संभाला और बहुत बड़ा ऐलान कर दिया।
मेरा राष्ट्रीय स्वाभिमान झकझोरता है सुषमा स्वराज ने तब कहा था, “संसद सदस्या बनकर अगर संसद में जाकर बैठती हूं तो हर हालत में मुझे उन्हें माननीय प्रधानमंत्री जी कहकर संबोधित करना होगा, जो मुझे गंवारा नहीं है। मैं नहीं कर सकती। मेरा राष्ट्रीय स्वाभिमान मुझे झकझोरता है। मुझे इस राष्ट्रीय शर्म में भागीदार नहीं बनना। इसलिए मैंने तय किया कि संसद सदस्यों की जो सुविधाएं हैं न सबकुछ छोड़ेंगे, लेकिन संसद की सदस्यता से इस्तीफा देकर ये बात कायम करेंगे कि मैं उन्हें स्वीकार नहीं करती।”
सफेद साड़ी पहनने की घोषणा सुषमा ने तब घोषणा की थी कि अगर सोनिया गांधी पीएम बनती हैं तो वह सिर मुंडा लेंगी, सफेद साड़ी पहनेंगी, भिक्षुणी की तरह जमीन पर सोएंगी और सूखे चने खाएंगी।
सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj ) के इस ऐलान से देशवासी सकते में आ गए थे। इसके बाद हुआ भी कुछ ऐसा कि लोगों का सुषमा पर भरोसा और बढ़ गया। उस वक्त जब समूचा यूपीए सोनिया गांधी को पीएम बनाने के लिए तैयार था, सोनिया गांधी ने खुद आगे आकर घोषणा कर दी कि वो प्रधानमंत्री नहीं बनेंगी और सुषमा की एक तरह से जीत हो गई।