इसलिए बिहार सरकार पहले इस बात का जवाब दे कि उसकी प्राथमिकता में पहले लोगों की जान को बचाना है या विधानसभा चुनाव। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एनएमसीएच ( NMCH ) के अधीक्षक को हटाये जाने पर भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
Corona Crisis : SC के जज कोर्ट मास्टर को आदेश देने के बदले खुद टाइप करते हैं Order बचपना छोड़िए मंगल पांडे जी तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि मीटिंग के बीच टिकटॉक देखना, स्कोर पूछना और हमारा ट्वीट कॉपी-पेस्ट करने जैसा बचपना छोड़ गंभीर बनिए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ( Health Minister Mangal Pandey ) । केंद्रीय टीम ने CM और आपको आइना दिखाया है।
अगर केंद्रीय टीम ( Central Team ) ने सरकार को इतना ही सराहा तो उनके जाते ही NMCH के अधीक्षक को आपने क्यों हटा दिया? महाराज आप ख़ुद ही फंस जाते हैं। बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते महागठबंधन ( Grand alliance ) सहित सभी विपक्षी दल बिहार में कोरोना वायरस से मौत के बीच विधानसभा चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। एनडीए ( NDA ) के सहयोगी दल एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ( LJP Chief Chirag Paswan ) ने भी कोरोना के चलते बिहार में चुनाव कराने विरोध में अपना बयान दिया है।
बिहार और असम में बाढ़ से बिगड़े हालात, NDRF की 20 राज्यों में 122 टीमें तैनात लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ न करे सरकार मंगलवर को भी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ( RJD leader Tejashwi Yadav ) ने आरोप लगाया था कि राज्य में सरकार आमलोंगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। बिना सैम्पल लिए जांच रिपोर्ट आ जाती है जिसका सैम्पल लिया जाता है, उसकी रिपोर्ट आने में कई दिन तक लग जा रहे हैं। कई बार मरीज के मरने के बाद रिपोर्ट आती है। आखिर यह कैसी स्थिति है?
ग्लोबल हॉटस्पॉट न बन जाए बिहार तेजस्वी यादव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि बिहार स्वास्थ्य व्यवस्था की भारी कमी के कारण कोरोना का राष्ट्रीय हॉटस्पॉट बन सकता है। लेकिन हमें तो डर सता रहा है कि कहीं यह ग्लोबल हॉटस्पॉट ना बन जाए। जब तक बड़ी संख्या में जांच नहीं होगी संक्रमण की भयावहता का सही अंदाज़ा कैसे लगेगा?
प्रमंडल स्तर पर हो कोविद-19 अस्पताल तेजस्वी ने कहा कि हर जिले में पूर्णत: समर्पित कोविड अस्पताल होना चाहिए। कम से कम प्रमंडलीय स्तर पर तो कोविद-19 ( Covid-19 ) समर्पित अस्पताल तो यथाशीघ्र बनवाना ही चाहिए। आरोप लगाया कि मरीज़ों को अस्पताल में बेड नहीं होने का हवाला देकर भर्ती नहीं किया जा रहा है। डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के पास पीपीई किट और सही मास्क तक नहीं हैं।