इस मुलाकात को 2019 की तैयारियों को तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने पवार से मिलना की इच्छा जाहिर की थी। राहुल से मिलने के लिए शरद पवार सिर्फ एक दिन के लिए मुंबई से दिल्ली आए। राहुल पवार से मिलने उनके जनपथ स्थित सरकारी आवास पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, पवार और राहुल के बीच विपक्ष की आगामी रणनीति को लेकर खासी चर्चा हुई।
खबरों की मानें तो शरद पवार ने इस मुलाकात में राजनीति में अपना अनुभव राहुल गांधी के साथ साझा किया है। पवार ने राहुल गांधी से कहा कि वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर अपना पूरा फोकस करें। अगर इन तीन राज्यों में बीजेपी को हटाकर कांग्रेस सत्ता में आती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को और खासकर कांग्रेस को एक नई मजबूती मिलेगी। शरद पवार ने कहा है कि इससे राहुल गांधी का कद भी बढ़ेगा। पवार का सुझाव था कि आगामी तीन राज्यों के राहुल उसी तरह का आक्रामक चुनाव अभियान करें, जैसा उन्होंने गुजरात व कर्नाटक में किया है। इतना ही नहीं, इन तीन राज्यों के असेंबली चुनाव 2019 की लोकसभा चुनाव के रणनीति की नींव डालेंगे।
आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं था, जब राहुल पवार से मिले हों। इससे पहले भी दोनों नेताओं की मुलाकात होती रही है। राहुल का शरद पवार से लगातार मिलना इस बात का बड़ा संकेत है कि राहुल गांधी विपक्ष की एकता को लेकर गंभीर हैं और वह पवार के लंबे अनुभव का वह फायदा उठाना चाहते हैं। राहुल गांधी व शरद पवार अगर एक होकर सोचते हैं तो इसका फायदा कांग्रेस को भी हो सकता है।