सोनिया गांधी के साथ बहुप्रतीक्षित बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बीजेपी और शिवसेना को बनानी थी। आखिर उनके पास संख्या थी। साथ ही उन्होने कहा था एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सियासी हालात हैं उसको देखते हुए भविष्य के बारे में तत्काल कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसा बयान देकर उन्होंने सरकार गठन को लेकर विकल्प खुला रखा है। पवार ने कहा कि उन्हें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
एनसीपी के एक नेता ने बताया है कि शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष से शिवसेना से दूरी बनाए रखने के अपने स्टैंड के बारे में दोबारा विचार करने को कहा है। उन्होंने सोनिया गांधी ने पार्टी की राज्य ईकाई को ग्रीन सिग्नल देने को कहा है।
एनसीपी नेता से मिली जानकारी के मुताबिक पवार ने सोनिया गांधी को 1995 में सेना-बीजेपी जैसा फॉर्म्युला सुझाया है। इसमें सेना का नेता चीफ मिनिस्टर था और बीजेपी का नेता उपमुख्यमंत्री। इस बार सेना का नेता सीएम हो सकता है और डेप्युटी सीएम एनसीपी का नेता होगा।
फिलहाल कांग्रेस ने गठबंधन बनाने में पार्टी के स्टैंड को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है। लेकिन महाराष्ट्र के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कांग्रेस ईकाई ने पिछले सप्ताह सोनिया गांधी को बताया था कि कांग्रेस को राज्य में बीजेपी को सत्ता में रोकने के कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान इस बात पर सहमति थी कि बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जाना चाहिए।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 105 सीटें जीती हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी सियासी पार्टी बनकर सामने आई है। इसके अलावा शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल की है।