सिद्धू ने एक लाइन के इस्तीफे में जिस तरह लिखा है, वो ये साफ दर्शाता है कि वो अपने पद से इस्तीफा देने के लिए इच्छुक नहीं थे। लेकिन जिस तरह आलकमान की ओर से निर्देश आए थे, लिहाजा उन्होंने उसका पालन करते हुए मन मारते हुए पद से इस्तीफा सौंप दिया।
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सोनिया गांधी ने मांगा था इस्तीफा बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार मिली है। इस हार को लेकर कांग्रेस में मंथन का दौर भी जारी है।
इस मंथन के बीच ये फैसला लिया गया कि, सभी प्रदेशों से कांग्रेस अध्यक्षों से उनका इस्तीफा मांग लिया जाए।
पार्टी आलाकमान ने रविवार को एक बैठक बुलाई थी। इसके बाद से लगातार एक्शन का दौर शुरू हो गया। सोनिया गांधी ने इन राज्यों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बताया था कि इन राज्यों में संगठन के पुनर्गठन के लिए पीसीसी अध्यक्षों से पद छोड़ने को कहा गया है।
इन राज्यों के अध्यक्षों ने भी दिया इस्तीफा
कांग्रेस आलाकमान के आदेश के कुछ देर बाद ही उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना त्याग पत्र सौंप दिया है।
वहीं यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से अजय लल्लू ने भी इस्तीफा दे दिया है। लल्लू ने ट्वीट किया, ‘विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता पर भरोसा जताने के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार। कार्यकर्ता के तौर पर आम आदमी के अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहूंगा।’
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