स्वामी प्रसाद मौर्य के विधानसभा चुनाव हार जाने के बावजूद जब सपा ने उन्हें एमएलसी बनाया तब से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं। हांलाकि चर्चा अब और तेज हो गई है जब सपा नेता धर्मेद्र यादव ने बदायूं से बीजेपी सांसद संद्यमित्रा मौर्या के खिलाफ दायर याचिका उच्च न्यायालय से वापस ले लिया है।
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धर्मेंद्र यादव ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने के लिए अप्रैल में ही उच्च न्यायालय में शपथ पत्र पेश कर दिया था। जिसे शुक्रवार को अदालत ने स्वीकार कर लिया। बता दें संघमित्रा मौर्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं और धर्मेंद्र यादव अखिलेश यादव के चचरे भाई हैं।2019 लोकसभा के चुनाव में बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ0 संद्यमित्रा मौर्या को अपना प्रत्याशी बनाया था। सपा और बसपा गठबंधन के उम्मीदवार मौजूदा सांसद अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव थे । दोनों के बीच मुकाबला काफी टक्कर का था। डॉ0 संद्यमित्रा मौर्या से चुनाव में धर्मेंद्र यादव लगभग 18 हजार वोटों के अंतर से हार गए। इसी चुनावी परिणाम के खिलाफ धर्मेन्द्र यादव उच्च न्यायालय गए और आरोप लगाया कि मतगणना में आठ हजार वोटों की गड़बड़ी की गई है लेकिन अब धर्मेद्र यादव अपनी याचिका को वापस ले लिए हैं।
2022 विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना पाला बदल लिया था। वह बीजेपी में मंत्री थे । बीजेपी से इस्तीफा देकर अपने समर्थकों के साथ सपा को ज्वाइन कर लिए था, हांलाकि मौर्य 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके पहले वह बीएसपी में थे।