सरकार का फैसला चुनावी मजबूरी
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आखिरकार किसानों की जिद के आगे अहंकारी सरकार ने घुटने टेक ही दिए। सरकार का यह फैसला निश्चित ही स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार का यह कदम चुनावी मजबूरी ज्यादा लग रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को डर है कि कहीं किसान आंदोलन के चलते उसे आगामी चुनावों में हार का सामना न करना पड़े, इसके चलते ही सरकार ने यह कदम उठाया है।
इसके साथ ही पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों की तरह ही 370 को भी बहाल कर देना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसकी ताकत सिर्फ इसलिए छीन ली गई कि अपने वोटरों को खुश किया जा सके। मुझे उम्मीद है कि सरकार अब कश्मीर में की गई गलती को भी सुधारेगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 15 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद कर रखा गया। वहीं महबूबा मुफ्ती कई मौकों पर 370 को बहाल करने की मांग उठा चुकी हैं। फिलहाल मुफ्ती हैदरपोरा एनकाउंटर पर सवाल उठाने के बाद से नजरबंद हैं। इस दौरान भी वो ट्विटर के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं।