अपनी किताब में मनीष तिवारी ने लिखा कि मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। जो नहीं हुई। तिवारी ने ये भी लिखा है कि कार्रवाई न करना कमजोरी की निशानी है।
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TMC के विरोध प्रदर्शन के बाद BJP ने गंगाजल से सैनिटाइज किया पार्टी हेडक्वार्टर, बताया ‘दूषित चोर’, दिल्ली में भी धरने पर बैठे सांसद मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा कि जब किसी देश ( Pakistan ) को अगर निर्दोष लोगों के कत्लेआम करने का कोई खेद नहीं तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है।
26/11 को मुंबई में हुआ हमला एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखनी चाहिए थी। मनीष तिवारी ने मुंबई हमले की तुलना अमरीका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय तीव्र जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी चौथी किताब- ’10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India’ जल्द ही बाजार में आएगी. ये किताब पिछले दो दशकों में भारत के सामने आई बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती पर है।
पहले भी अपनी पार्टी की कर चुके आलोचना
ये पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी की आलोचना की हो। इससे पहले पंजाब में राजनीति अस्थिरता को लेकर उन्होंने कहा था कि जिन्हें पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें उसकी समझ ही नहीं है।
यही नहीं मनीष तिवारी ने कांग्रेस में कन्हैया कुमार की एंट्री पर भी सवाल उठाए थे। बीजेपी ने भी घेरा
मनीष तिवारी के किताब में कही गई बात पर अब राजनीति गर्माने लगी है। बीजेपी ने भी कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- मनीष तिवारी ने 26/11 के बाद यूपीए सरकार की कमजोरी की ठीक ही आलोचना की है।
पूनावाला ने लिखा कि एयर चीफ मार्शल फली मेजर ने भी कहा था कि इस हमले के बाद वायुसेना कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन यूपीए सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया। पूनावाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस उस समय 26/11 के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराने और पाकिस्तान को बचाने में व्यस्त थी।
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Andhra Pradesh: जगनमोहन सरकार का बड़ा फैसला, वापस लेगी ‘तीन राजधानी’ बनाने वाला कानून पूनावाला ने ये भी लिखा कि हिंदुत्व, 370 और सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार पाकिस्तान की भाषा ही बोलते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि जैसी कार्रवाई उरी और पुलवामा हमले के बाद हुई, वैसी कार्रवाई 26/11 के बाद करने से किसने और क्यों रोका?