इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी का राज कायम हो गया है। हालांकि मंत्रियों को शपथ गुरुवार 6 मई को दिलाई जाएगी। राज्यपाल ने कहा, “मैं ममता जी को उनके तीसरे कार्यकाल की बधाई देता हूं. आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा। ममता के शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई दी।
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शराब का सेवन करने वालों के लिए आई अच्छी खबर, सरकार ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच उठाया ये कदम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को लगातार तीसरी बार राजभवन में शपथ ली। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को राज्यभवन में मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, निवर्तमान सदन के नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान और माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस को कार्यक्रम का निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
शपथ लेते ही बंगाल हिंसा पर ये बोलीं ममता
सफेद रंग की साड़ी पनहकर बंग्ला भाषा में शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने सबका अभिवादन किया और कहा कि कोरोना से बचाव के लिए तुरंत एक बैठक आयोजित की जा रही है।
इसके बाद तीन बजे हम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देंगे। बंगाल में जारी हिंसा की खबरों पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं। अगर किसी भी दल के व्यक्ति ने हिंसा की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं शांति के पक्ष में हूं और रहूंगी।
यह भी पढ़ेँः शख्सियत: ममता बनर्जी की कुछ ऐसी बातें और आदतें, जो उन्हें बनाते हैं खास पीएम मोदी ने ममता दीदी कह कर ही दी शुभकामनाएंबंगाल चुनाव में एक दूसरे के घोर विरोधी रहे पीएम मोदी ने भी सीएम पद की शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी को शुभकामनाएं दीं। अपनी शुभकामनाओं में भी पीएम मोदी एक बार ‘ममता दीदी’ कह कर ही उन्हें संबोधित किया।
दरअसल ये माना जा रहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी का ‘दीदी ओ दीदी’ कहना बीजेपी को भारी पड़ गया। उनके इस बयान का लगातार विरोध किया जा रहा था। राज्यपाल ने भी दी बधाई
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि मैं ममता जी को उनके तीसरे कार्यकाल की बधाई देता हूं। आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के मुताबिक चलेगा।
हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है, जिसने समाज को बड़े स्तर पर प्रभावित किया है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगी।