अमित शाह पर तृणमूल का पलटवार, भाजपा अध्यक्ष का भाषण घटिया और कमजोर
शिवसेना के तेवर थोड़े ढीले पडेंगे?
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने यह ऐलान शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती के ठीक एक दिन पहले किया। सरकार की ओर से बताया गया कि स्मारक का निर्माण एमएमआरडीए की ओर से किया जाएगा। इस स्मारक का नाम बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक रखा जाएगा। दरअसल, शिवसेना लंबे समय से बालासाहेब ठाकरे के स्मारक निर्माण को मंजूरी दिलाने की मांग कर रही थी। पार्टी की मांग थी कि यह स्मारक दादर के शिवाजी पार्क में स्थित महापौर निवास में बनना चाहिए। शिव सेना की मांग पर गौर फरमाते हुए सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। वहीं, भाजपा को पूरी उम्मीद है कि इस कदम के बात सरकार को लेकर शिवसेना के तेवर थोड़े ढीले पडेंगे। हालांकि भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर शिवसेना की ओर से अब भी कोई सीधा जवाब नहीं मिला है।
इसको कुर्सी बचाने का खेल बताया
वहीं, विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसको कुर्सी बचाने का खेल बताया है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव में अपनी कुर्सी को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आपको बता दें कि भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की शुरुआत बाल ठाकरे के नेतृत्व में ही हुई थी। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही दोनों दलों में तनातनी की स्थिति बनी हुई है।