बताया जा रहा है कि दिल्ली की सत्ता पक्ष और विरोधी दलों की बैठक में नई सरकार के गठन को लेकर दोनों पक्ष अपनी-अपनी रणनीति तय करेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का शाह से मुलाकात का यह प्लान ऐसे वक्त में बना है जब सहयोगी शिवसेना ने खुले तौर पर अपने बागी रुख सामने रख दिए हैं। रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का सहयोग है यानी वह सरकार बनाने की स्थिति में है।
इसका सीधा असर यह हुआ है कि राज्य के पूरे सियासी समीकरण बदल गए हैं। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन भी सरकार बनाने की दौड़ में शामिल हो गया है। लंबे समय से जारी खींचतान अब दिल्ली तक पहुंच गई है।
बता दें कि महाराष्ट्र की जनता का फैसला 24 अक्टूबर को सामने आ गया था लेकिन अब तक राज्य को नई सरकार नहीं मिल पाई है। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जनता ने तो पर्याप्त सीटें दी हैं, लेकिन दोनों दल अपनी-अपनी शर्तों के हिसाब से सरकार बनाने के मूड में हैं।
दूसरी तरफ एनसीपी के प्रमुख शरद पवार भी आज दिल्ली पहुंच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।