कन्नड़ का सम्मान जरूरी
सिद्धारमैया नं के मैं व्यक्तिगत रूप से किसी भाषा के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यदि आप कन्नड़ भाषा नहीं सीखते या उससे परहेज करते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप कन्नड़ का सम्मान नहीं करते हैं। उन्होंने राज्यों के सभी स्कूलों को आदेश जारी कर कन्नड़ पढ़ाने की बात कही है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का उल्लेख करते हुए कहा कि हालांकि अभिभावक अपने बच्चों के करियर और भाषा संबंधी पाठयक्रम का चुनाव कर सकते हैं, लेकिन अंग्रेजी के साथ ही कन्नड़ भी अति आवश्यक है और इसको अनदेखा नहीं किया जा सकता।
शिक्षा मातृ भाषा में होनी चाहिए
सिद्धारमैया ने सर्वोच्च अदालत के फैसले पर चर्चा होनी चाहिए। इस बात की एक समीक्षा जरूरी है कि शिक्षा मातृ भाषा में होनी चाहिए। मैं अन्य राज्यों को इस बारे में लिखूंगा। बता दें, कन्नड़ बोलने वाले देश के सभी क्षेत्रों को कर्नाटक में मिला दिया गया था। इसी की याद में एक नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव मनाया जाता है। उनके इस बयान पर विपक्षी दलों की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।