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नरेश पटेल लेउवा पटेल समाज के खोडलधाम के अध्यक्ष हैं। बता दें नरेश पटेल भले ही सक्रिय राजनीति में न रहे हों लेकिन पिछले एक दशक में उनके नाम की खासी चर्चा रही है। खोडलधाम पर भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर अग्रणी रहे नरेश पटेल का पाटीदार समाज में जबरदस्त वर्चस्व है।
नरेश पटेल जिस पाटीदार समुदाय के नेता हैं। वह गुजरात की राजनीति में हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहा है। लेउवा पटेल, सौराष्ट्र और कच्छ के इलाके में ज्यादा, राजकोट, जामनगर, अमरेली, भावनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर जिलों में बड़ी संख्या में पाटीदार समाज के लोग रहते हैं।
नरेश पटेल सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं, तो इसे कांग्रेस की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा सकता है। दरअसल नरेश पटेल को लेकर पिछले कुछ दिनों से गुजरात में जबदस्त राजनीति हो रही है।
इस राजनीति में हर राजनीतिक पार्टी की निगाह नरेश पटेल पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि नरेश पटेल जिस पार्टी में जाएंगे पाटीदार समाज का समर्थन उस पार्टी को रहेगा।
कांग्रेस के लिए नरेश पटेल का साथ हार्दिक पटेल से बढ़ रही दूरी को खत्म करने का भी काम कर सकता है। दरअसल पाटीदार आंदोलन से सियासत में आए गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए बागी तेवर अख्तियार कर लिए हैं।
हार्दिक ने खुद को राम भक्त बताया और कहा कि हिंदू होने पर हमें गर्व है, लेकिन बीजेपी में जाने पर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए जरूरी है कि पाटीदार समुदाय को साधने के लिए हार्दिक का विकल्प तलाश लें, ताकि चुनाव में किसी भी तरह की लापरवाही नुकसान ना पहुंचाए।
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