सर्जिकल स्ट्राइक: पीओके में ऐसे दाखिल हुए थे भारतीय जांबाज, 4 घंटे में 38 दुश्मन किए थे ढेर
जायजा लेने पहुंचे मंत्री
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन शुक्रवार को घटना का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस दीवार को देखकर ऐसा लग रहा है कि न तो इसको हाथों से तोड़ा गया है और न ही कोई ब्लास्ट किया है। यह तो चूहों और केकड़ों का काम लग रहा है। उन्होंने कहा कि संभव है कि चूहों के कुतरने की वजह से नहर में एक छेद बना होगा और पानी के तेज बहाव से वह बड़ा हो गया होगा। जिसकी वजह से दीवार गिर गई।
रफाल विवाद: रक्षा मंत्री सीतारमण के निशाने पर कांग्रेस, डीएनए में बसी है गाली-गलौज की भाषा
मरम्मत के लिए समय नहीं मिलता
गिरीश महाजन के अनुसार क्योंकि नहर में हमेशा पानी रहता है, इसलिए मरम्मत का समय ही नहीं मिलता। जबकि नहर के किनारे बसी झुग्गियों को कारण भी मरम्मत कार्य प्रभावित होता है। इस दौरान उन्होंने घटना से प्रभावित लोगों की मदद का आवश्वासन भी दिया और पुणे नगर निगम की मेयर साहिबा मुक्ता तिलक व सिंचाई विभाग के अधिकारी के साथ पार्टी नेताओं से भी विचार-विमर्श किया। आपको बता दें कि दो दिन पूर्व नहर की दीवार गिरने से आसपास के इलाकों में तकरीबन 500 क्यूसेक पानी बह गया था। पानी से दांडेकर पुल इलाके में झुग्गियों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे।