आज थम जाएगा पहले चरण का चुनाव प्रचार, 11 अप्रैल को होगा 91 लोकसभा सीटों पर मतदान 1967 और 1971 में इंदिरा ने बनाया चुनावी मुद्दा मई, 1964 में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन होने के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने ‘जय जवान और जय किसान’ का नारा दिया था। शास्त्री जी ने करीब साढ़े पांच प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य तय किया था। इस बीच पाकिस्तान की नापाक हरकतों की वजह से भारत और पाक के बीच 1965 में युद्ध हुआ। जनवरी, 1966 में अचानक लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया। इसके बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं और 1967 में चौथी बार आजाद भारत में
लोकसभा चुनाव हुआ। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही 1971 में भारत-पाक के बीच एक बार फिर बांग्लादेश के मुद्दे पर युद्ध हुआ। दोनों बार इंदिरा ने देश के माहौल को भांपते हुए ‘राष्ट्रवाद’ को चुनावी मुद्दा बनाया। दोनों बार विकट परिस्थितियों में होने के बावजूद इंदिरा गांधी अंदर और बाहर के विरोधियों को मात देने सफल हुईं।
लोकसभा चुनाव 2019: राष्ट्रवाद और आतंकवाद भाजपा की पहली प्राथमिकता 1999 में वाजपेयी ने बनाया मुद्दा इसी तरह 1999 में कारगिल युद्ध के बाद लोकसभा में वाजपेयी सरकार विश्वास मत हार गई थी। उनकी 13 महीने पुरानी सरकार अचानक गिर गई थी। वाजपेयी की सरकार गिरने की घटना से डेढ से दो महीने पहले भारत-पाक के बीच कारगिल युद्ध हुआ था। वाजपेयी ने भी इस मौके का लाभ उठाया और अपनी सरकार को बचाने में नाकाम रहने के बावजूद इंदिरा की तर्ज पर कारगिल युद्ध को मुद्दा बनाया। परिणाम उनके पक्ष में आया और वह चुनाव जीत गए। इस बार उनकी सरकार पूरे पांच साल चली।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने दिया नया नारा ‘अब होगा न्याय’ इस बार मोदी का ‘संकल्प’ बनाम राहुल का ‘न्याय’ करीब दो दशक बाद एक बार फिर लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति चरम पर है। इस बार सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक को मोदी सरकार भुनाना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा के संकल्प पत्र में सबसे ज्यादा जोर राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद पर दिया गया है।
लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या मोदी और शाह की जोडी कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी के लोकप्रिय वादे ‘न्याय’ पर हावी हो पाएगी। फिलहाल इसका जवाब देना पूरी तरह से मुमकिन नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि ‘न्याय’ ने देश के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। यही कारण है कि 17वीं लोकसभा का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है।
Indian Politics से जुड़ी
Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर ..
Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए
Download patrika Hindi News App.