गौरतलब है कि पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड में सिमडेगा की जिला कोर्ट से एनोस एक्का को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वे जेल में बंद हैं।
ये भी पढ़ें: अयोध्या केस: CJI रंजन गोगई बोले- सुनवाई पूरी करने के लिए सिर्फ साढ़े 10 दिन बचे
कोर्ट ने इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की बेंच ने पिछले सप्ताह 19 सितंबर को राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का की जमानत पर सुनवाई की थी। अदालत ने इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी। मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की गई थी।
एनोस एक्का के वकील अमित सिन्हा ने कहा कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान निचली अदालत में वायस सैंपल के आधार पर सजा दिए जाने की दलील पेश की गई। जिस पर कोर्ट ने वायस सैंपल की जांच से जुड़ी फारेंसिक रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी।
ये भी पढ़ें: NRC मसला: CM अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर BJP पूर्वांचल मोर्चा का विरोध-प्रदर्शन
इस मामले में एनोस की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर जमानत देने की अपील की गई। एनोस की ओर से याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत का आदेश सही नहीं है। उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है। बिना ठोस साक्ष्य के ही उन्हें सजा सुनाई गई है।
क्या है मामला
26 नवंबर 2014 को सिमडेगा जिले के जताडांड़ प्राथमिक विद्यालय से पारा टीचर मनोज कुमार का अपहरण कर लिया गया था। दूसरे दिन सुबह मनोज कुमार का शव मिलने के बाद मामला हत्याकांड में बदल गया। इस मामले में विधायक एनोस एक्का के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।