चुनाव आयोग ने Coronavirus Patients को दी Postal Ballot सुविधा
चुनाव आयोग ( Election Commission of India ) का बिहार विधानसभा ( Bihar Assembly polls ) और अन्य स्थानों के उप-चुनाव पर फैसला।
65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को नहीं दी जाएगी पोस्टल बैलट ( postal ballot ) सुविधा।
80 वर्ष ज्यादा, आवश्यक सेवाओं से जुड़े और कोरोना मरीजों ( Covid-19 Patients ) को पोस्टल वोटिंग।
No postal ballot facility to above 65 years voters
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ( centre govt ) ने आगामी चुनाव को देखते हुए मतदाताओं के लिए कुछ सुविधाओं को हरी झंडी दी थी। हालांकि गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ( Election Commission of India ) ने स्पष्ट कर दिया कि 65 वर्ष से ज्यादा आयु के मतदाताओं को पोस्टल बैलट ( postal ballot ) सुविधा नहीं दी जाएगी। हालांकि होम या इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में भर्ती कोरोना वायरस मरीजों ( COVID-19 Patients ) और आवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों को पोस्टल बैलट सुविधा देने की घोषणा की है।
इससे पहले इस माह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने यह सिफारिशें की थीं। इस वर्ष के अंत में बिहार ( Bihar Assembly polls ) में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों में लंबित उप-चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को आदेश जारी किए।
निर्वाचन आयोग ने फैसला किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव या अन्य स्थानों पर होने वाले उप-चुनाव में 65 वर्ष से ज्यादा आयु वाले व्यक्तियों को डाक से मतदान ( पोस्टल बैलट) की सुविधा नहीं दी जाएगी। हालांकि चुनाव आयोग ने लेकिन 80 वर्ष से ज्यादा आयु वाले विशेष रूप से विकलांगों, आवश्यक सेवाओं, आवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों के साथ ही घर या इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में भर्ती कोरोना वायरस ( COVID-19 ) मरीजों को पोस्टल बैलट से वोट करने की अनुमति दी है।
इससे पहले केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्र सरकार ने भारतीय निर्वाचन आयोग ( ECI ) से सलाह-मशविरा करने के बाद निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में संशोधन के नियम बनाए थे।
केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 27A की धारा (aa) में ‘या अपंग व्यक्तियों’ शब्द के बाद अंत में ‘संदिग्ध COVID-19 या संक्रमित व्यक्तियों’ को जोड़ दिया जाएगा। वहीं, धारा (e) में ’80 वर्ष’ शब्द को बदलकर ’65 वर्ष’ कर दिया जाएगा।
नोटिफिकेशन के मुताबिक धारा (e) के बाद एक धारा (f) को भी इसमें जोड़ा जाएगा। इस धारा में लिखा होगा, ‘संदिग्ध COVID-19 या संक्रमित व्यक्तियों’ का मतलब उन मतदाताओं से है जो (i) सरकारी अस्पतालों या सरकार द्वारा चुने गए COVID-19 अस्पतालों, द्वारा इस वायरस के लिए पॉजिटिव चुने गए हैं, या (ii) COVID-19 के चलते होम क्वारंटीन या इंस्टीट्यूशन क्वारंटीन में हैं, और उन्हें राज्य सरकार या केंद्र शासित सरकार के अर्ह प्राधिकरण द्वारा इसके लिए प्रमाणित किया गया है।