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सिसोदिया ने कहा कि इस व्यवस्था से एंबुलेंस सर्विस पर भी दबाव पड़ेगा। फैसला करना होगा कि पहले गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जाए या फिर एंबुलेंस का इस्तेमाल ऐसे व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ले जाने के लिए किया जाए जिन्हें की कोई खास लक्षण नहीं है।
दरअसल दिल्ली सरकार चाहती है कि जिस प्रकार अभी तक होम आइसोलेशन में बिना लक्षणों वाले कोरोना रोगियों का उपचार होता रहा है। उसी प्रकार आगे भी इसी प्रक्रिया को चालू रखा जाए। इसके लिए दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित लोगों को ऑक्सीमीटर और जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन मुहैया कराने का भी इंतजाम किया है।
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दिल्ली सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को हेल्पलाइन के जरिए अब परामर्श भी नहीं मिल पा रहा है। मनीष सिसोदिया ने कहा उन्होंने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखकर पहले की सी स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया है। साथ ही इस पत्र में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के अनिवार्य रूप से क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने के नियम को भी रद्द करने की मांग की गई है।