पार्टी में स्मृति का कद बढ़ा साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी से हराने के बाद स्मृति ईरानी का पार्टी में कद और बढ़ा है। महाराष्ट्र और झारखंड के हालिया विधानसभा चुनाव में बतौर स्टार प्रचारक स्मृति ईरानी को पार्टी ने काफी तवज्जो भी दी। उम्मीदवारों में भी उनकी रैलियों के लिए होड़ लगी रही। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उन्हें अधिक से अधिक चुनाव प्रचार के मैदान में उतारने की तैयारी है।
स्मृति का युवाओं पर ज्यादा प्रभाव पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार- “मोदी सरकार की यंगेस्ट कैबिनेट मिनिस्टर स्मृति ईरानी का अपना एक ग्लैमर है। युवाओं पर उनका काफी प्रभाव है। तीखी भाषण शैली है, विपक्षी नेताओं पर चुन-चुनकर वार करतीं हैं। उनकी रैलियां पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाली होती हैं। इस नाते स्मृति ईरानी से अधिक रैलियां पार्टी कराना चाहती है।”
स्मृति की रैलियों से पार्टी को मिलेगा लाभ दिल्ली भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, “स्मृति ईरानी दिल्ली में ही पैदा हुईं, यहीं पली-बढ़ीं और पढ़ीं-लिखीं। पिता पंजाबी मूल के रहे तो माता बंगाली मूल की। स्मृति ईरानी भाजपा से पहला लोकसभा चुनाव 2004 में दिल्ली की ही चांदनी चौक सीट से लड़ी थीं। उनकी दिल्ली में कार्यकर्ताओं की अपनी एक पुरानी टीम भी है। ऐसे में स्मृति ईरानी की रैलियों से पार्टी को लाभ मिलेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है।”
स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी करेगी भाजपा भाजपा सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पार्टी तीन दर्जन से अधिक स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी करने वाली है, जिसमें स्मृति ईरानी का नाम प्रमुखता से होगा।