इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रहलाद सिंह साहनी ने बीजेपी प्रत्याशी सुमन कुमार गुप्ता ( Suman Gupta ) को 29584 वोटों से हरा दिया और अलका लांबा की जमानत जब्त हो गई। वे लड़ाई में कहीं दूर-दूर तक नहीं दिखीं।
चांदनी चौक से कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा को इस बार केवल 3,881 वोट मिले । बीजेपी के सुमन कुमार गुप्ता को 21,307 वोट हासिल हुए हैं। कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन यहां औसत से भी नीचे रहा है। कांग्रेस को यहां 5.03 प्रतिशत वोट मिले। अलका लांबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक ( Chandni Chawk ) से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के सुमन कुमार गुप्ता को 16 हजार से अधिक से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी, लेकिन इस बार अलका लांबा अपनी जमानत भी नहीं बचा सकी।
दरअसल, इस बार चुनावी दंगल में कांग्रेस इतनी बुरी तरह से हारी कि खाता तक नहीं खुला। जिस पार्टी की कभी दिल्ली में तूती बोलती थी उस पार्टी का एक भी योद्धा चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाया। हारने वालों में पार्टी के बड़े चेहरे अरविंदर सिंह लवली, परवेज हाशमी, मतीन अहमद, अलका लांबा, हारून युसुफ और कृष्णा तीरथ जैसे नाम हैं। बाकी उम्मीदवारों की तो हालत और खराब रही। आलम ये है कि 66 सीटों पर लड़ी कांग्रेस के 63 उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सके।
चुनाव प्रचार के बिल्कुल आखिरी में राहुल और प्रियंका गांधी प्रचार के लिए उतरे। आखिरी दो दिनों में चार जगहों पर प्रचार किया। राहुल ने प्रचार की शुरुआत जंगपुरा से की तो दोनों ने संगम विहार में संयुक्त रैली की। पर इन रैलियों का कोई असर नहीं दिखा। इस शर्मनाक हार पर कांग्रेस नेता के बयान भी दंग करने वाले हैं। पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता पर कब्ज़ा करने का कभी नहीं सोचा था,तो दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पार्टी जानती थी हम हार रहे हैं। इन बायनों से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी ( Aam Admi Party ) को वॉकओवर दे दिया।