दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और आप नेता राघव चड्ढा ने यमुना में बढ़ते जहर के लिए यूपी और हरियाणी की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया। तो वहीं दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार के ढुलमुल रवैये को यमुना में प्रदूषण की वजह बताया।
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Delhi Air Pollution: दिल्ली में तीन दिन बाद हवा का रुख बदलने से थोड़ी राहत, सीबीसीबी का अलर्ट अभी बनी रहेगी ‘गंभीर’ स्थिति जहरीली होती यमुना को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है। आप नेता राघव चड्ढा का कहना है कि यूपी और हरियाणा की सरकारों को इस बात की परवाह नहीं है कि वे यमुना में गंदा पानी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, दिल्ली जल बोर्ड अपनी एसटीपी की क्षमता बढ़ाने पर लगातार काम कर रहा है, ताकि अनुपचारित अपशिष्ट पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाए।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने इसको लेकर हरियाणा सरकार पर यमुना की सफाई के दावों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जब सवाल उठे तब दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना केस प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, यमुना में जहरीले रसायन की तस्वीरों को लेकर बीजेपी ने दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं।
चड्ढा के मुताबिक, ओखला बैराज उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के अधीन आता है। उसके ढुलमुल रवैये के कारण चारों तरफ जलकुंभी के पौधे उग आते हैं। ये समझने की जरूरत है कि जब ये जलकुंभी के पौधे सड़ जाते हैं, तब वे फॉस्फेट जैसे सर्फेक्टेंट छोड़ते हैं। यही पदार्थ यमुना को जहरीला बना रहा जिसकी जिम्मेदार यूपी और हरियाणा की बीजेपी सरकार है।
तिवारीः सिर्फ प्रचार पर ‘आप’ का फोकस
पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस मामले में कहा कि ‘आप’ का ध्यान सिर्फ प्रचार पर है, यमुना के मैली होने को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं। यमुना नदीं की हालत पर मनोज तिवारी ने ट्वीट में लिखा कि, केजरीवाल ने यमुना जी को मैली कर दी और खुद दूसरे प्रदेशों में घूम रहे हैं।
वायु प्रदूषण के साथ जहरीली झाग में आस्था की डुबकी लग रही है। उन्होंने लिखा कि हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, सब जगह नदी घाट पर छठ पूजा मनाई जा रही है। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है क्योंकि हर साल आप सरकार झूठ बोलती है। उसका ध्यान सिर्फ प्रचार पर है।
बता दें कि छठ पूजा के दौरान यमुना नदी में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं को मजबूरन जहरीले झाग वाले पानी में डुबकी लगानी पड़ी।
यह भी पढ़ेंः Coronavirus In Delhi: राजधानी में कोरोना के मामलों में हुई बढ़ोतरी, एक हफ्ते में बढ़े 30 कंटेनमेंट जोन ऐसे आता है यमुना में झागयमुना नदी पर तैरता हुआ खतरनाक झाग, अमोनिया के स्तर में वृद्धि और उच्च फॉस्फेट सामग्री के कारण होता है। यह झाग उन औद्योगिक कचरों से आता है जोकि यमुना नदी में छोड़े जाते हैं।