इसके बाद से ही इस इजाफे को लेकर इंतजार किया जा रहा था। हाल में केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया गया।
यह भी पढ़ें – दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से होगा शुरू, विधायकों की सैलरी समेत कई विधेयकों को मिल सकती है मंजूरी बता दें कि, मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे पहले 2015 में ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बबढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ।
देशभर में अलग-अलग राज्यों में विधायकों की सैलरी अलग-अलग है। लेकिन सबसे ज्यादा वेतन देश के दक्षिण राज्य तेलंगाना में दिया जाता है।
यहां विधायकों के ढाई लाख रुपए की सैलरी दी जाती है। वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। यहां एमएलए हर मरीने 2 लाख 10 हजार रुपए वेतन उठाते हैं।
राज्य – वेतन
तेलंगाना – 2,50,000
उत्तर प्रदेश – 2,10,000
उत्तराखंड – 2,04,00
गोवा – 1,99,000
हिमाचल प्रदेश – 1,90,000
आंध्र प्रदेश – 1,75,000
कर्नाटक – 1,65,000
हरियाणा – 1,55,000
राजस्थान – 1,42,000
गुजरात – 1,16,000
बिहार – 1,14,000
मध्य प्रदेश – 1,10,0000
तमिलनाडु – 1,05,0000
ओडिशा – 1,00,000
पश्चिम बंगाल – 81,800
पंजाब – 84,000
छत्तीसगढ़ – 80,000
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