सोनिया गांधी ने पत्र में देश के सामने पनपे गंभीर आर्थिक संकट ( Economic Crisis ) का जिक्र किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग ( MSME ) के हालातों पर न केवल चिंता जाहिर की है, बल्कि इसके निवारण के लिए सुझाए हैं।
सोनिया ने लिखा कि MSME का देश की अर्थव्यवस्था में एक तिहाई योगदान है। इसलि इस संकट के समय में इसको राहत प्रदान की जानी चाहिए।
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सोनिया गांधी ने आगे लिखा कि पिछले सवा महीनें के दौरान हमारे देश को कई चुनौतियों से दो चार होना पड़ा है।
हमने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है। इस दौरान मुझे एक आर्थिक चिंता के बारे में बताना आवश्यक लगा, जिस पर अति शीघ्र ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
अगर इसको नजरअंदाज किया गया तो यह अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगा।
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सोनिया ने लिखा कि MSME का देश के सकल घरेलू उत्पाद ( GDP ) में करीब एक तिहाई योगदान रहता है।
इसमें लगभग 50 प्रतिशत निर्यात शामिल है। इससे देश में करीब 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है।
सोनिया ने लिखा कि इस समय उचित समर्थन के बिना 6.3 करोड़ से अधिक एमएसएमई आर्थिक बबार्दी की कगार पर खड़े हैं।