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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रियरंजन दासमुंशी का निधन, 2008 से थे कोमा में

प्रियरंजन दासमुंशी अपने राजनैतिक जीवन में कई अहम पद संभाल चुके थे। उनका जन्म 13 नवंबर, 1945 को हुआ था।

Nov 20, 2017 / 02:36 pm

Rajkumar

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और भारत के पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी का सोमवार को निधन हो गया। वे पिछले 9 साल से कोमा में थे। दासमुंशी के परिवार में पत्नी दीपा दासमुंशी और बेटा प्रियदीप हैं। वे तकरीबन 72 साल के थे। प्रियरंजन दासमुंशी अपने राजनैतिक जीवन में कई अहम पद संभाल चुके थे। उनका जन्म 13 नवंबर, 1945 को हुआ था।

दासमुंशी का राजनीतिक जीवन

प्रियरंजन दासमुंशी पहली दक्षिणी कोलकाता लोकसभा सीट से साल 1971 में सांसद चुने गए थे। वहीं साल 1985 में पहली बार प्रियरंजन दासमुंशी को राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्रिपद सौंपा गया था। वहीं वे आखिरी बार साल 2004 में बंगाल की रायगंज सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। जबकि 2008 में उन्हें स्ट्रोक और पैरालिसिस हुआ। उसी वक्त से उनका इलाज चल रहा था और वे सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे। लेकिन वो यूपीए सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रह चुके हैं।

 

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पारिवारिक जीवन

प्रियरंजन दासमुंशी का विवाह साल 1994 में दीपा दासमुंशी से हुआ था। उनका एक बेटा भी है जिसका नाम प्रियदीप दासमुंशी है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि जब से प्रियरंजन दासमुंशी राजनीति से दूर हुए। उनकी पत्नी दीपा दासमुंशी और ज्यादा ही राजनीति में सक्रिय हो गई। वहीं इस समय दीपा दासमुंशी ही पश्चिम बंगाल की रायगंज सीट से लोकसभा सांसद हैं। यहां आपको बता दें कि प्रियरंजन दासमुंशी अंतिम बार वर्ष 2004 में रायगंज सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते थे। मगर साल 2008 में पैरालिसिस हुआ तब से वे चुनाव नहीं लड़ें।

कैसे हुआ ये हादसा

ऐसा कहा जाता है कि साल 2008 के अक्टूबर महीने में प्रियरंजन दासमुंशी को दिल का दौरा पड़ा था। उसके बाद वे किसी को पहचान नहीं पा रहे थे। साथ ही बोल भी नहीं पा रहे थे। वहीं पैरालिसिस के बाद उनके ब्रेन में ब्लड सप्लाई बंद हो गई थी। जिसके बाद वे 9 साल तक बेड पर ही रहे। इस दौरान सांस लेने और लिक्विड डाइड के लिए उनके गले और पेट में एक नली डाली गई थी। जिसके सहारे उन्होंने 9 साल काटे। वहीं जब साल 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आयी तो केंद्र सरकार ने कहा कि सरकार प्रियरंजन दासमुंशी के इलाज का खर्च उठाना जारी रखेगी।

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