सोनिया गांधी द्वारा पीएम मोदी ( pm modi ) को लिखे पत्र के मुताबिक, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी, देश में सख्त लॉकडाउन के लगभग तीन महीने बाद लाखों भारतीयों के गरीबी में जाने का खतरा है। आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव के कारण हमारे शहरी और ग्रामीण गरीब ( migrant workers crisis ) दोनों के लिए खाद्य असुरक्षित हो गई है। मौजूदा हालात को देखते हुए देश के कुछ सबसे कमजोर लोगों के सामने आने वाले भूख संकट को दूर करने के लिए खाद्य अधिकारों का विस्तार किया जाना चाहिए।”
चीन से तनाव के बीच राजनाथ सिंह गए रूस, रखेंगे रक्षा तैयारियों की मजबूती के लिए सबसे बड़ी मांग उन्होंने आगे लिखा, “लॉकडाउन की शुरुआत में नियमित अधिकारों के अलावा अप्रैल-जून 2020 के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ( food safety act ) के तहत अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले घरों के लिए प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति का प्रावधान घोषित किया गया था। सरकार ने किसी भी केंद्रीय या राज्य पीडीएस योजना के तहत पंजीकृत नहीं होने के बावजूद प्रवासियों को मई और जून के महीने के लिए 5 किग्रा प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह का मुफ्त खाद्यान्न देने की भी घोषणा की थी।”
सोनिया गांधी ने आगे लिखा, “केंद्र सरकार को अब नि:शुल्क खाद्यान्न के प्रावधान को जुलाई-सितंबर 2020 तक तीन महीने के लिए और आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। कई राज्यों ने इसके लिए अनुरोध किया है। इसके अलावा चूंकि गरीब परिवारों की एक महत्वपूर्ण संख्या को पीडीएस प्रणाली से बाहर रखा गया है, इसलिए सभी परिवारों को अस्थायी राशन कार्ड जारी किए जाने चाहिए।” मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार उपर्युक्त सुझावों पर विचार करेगी और जल्द से जल्द निर्णय की घोषणा करेगी।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखकर तेल की कीमतों का मुनाफा जरूरतमंदों में बांटने का आग्रह किया था।
2100 चीनी फाइटर के मुकाबले भारत के पास 850 लड़ाकू विमान, फिर भी Air War में IAF है मजबूत पिछले मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने लिखा, “भारत को COVID-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई के दौरान अभूतपूर्व रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं इस बात से काफी व्यथित हूं कि इस बेहद कठिन वक्त में मार्च की शुरुआत के बाद से सरकार ने कम से कम 10 अलग-अलग मौकों पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से असंवेदनशील फैसला लिया है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इन बढ़ोतरी को वापस लें और इस देश के नागरिकों को कम तेल की कीमतों का लाभ उठाने दें। अगर आप उन्हें ‘आत्मनिर्भर’ बनाना चाहते हैं, तो आगे बढ़ने की उनकी क्षमता को वित्तीय जंजीर से न बांधें। और मैं एक बार फिर से पहले कही अपनी बात कहना चाहती हूं: कृपया सरकार के संसाधनों का उपयोग उन लोगों के हाथों में सीधे पैसा डालने के लिए करें, जिन्हें इस कठिन वक्त में इसकी जरूरत है।”