संसद के मानसून सत्र में सरकार को कैसे घेरा जाए, इसके लिए खास रणनीति बनाने को लेकर बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्लियामेंट स्ट्रेटजी ग्रुप की अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए और मानसून सत्र के लिए एजेंडा भी सेट किया गया।
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सोनिया गांधी की अगुवाई में करीब एक घंटे तक चली इस अहम बैठक में कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के लिए फाइव प्वाइंट एजेंडा रखा। इसी एजेंडे के तहत कांग्रेस मोदी सरकार को घेरेगी। बता दें कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी मौजूद थे।
कांग्रेस का ये है फाइव प्वाइंट एजेंडा
संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने फाइव प्वाइंट एजेंडा सेट किया है। इस एजेंडे के तहत कांग्रेस संसद में सरकार को घेरेगी। कांग्रेस ने जो पांच एजेंडा सेट किया है उसमें..
1- पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि
2- मुद्रास्फीति (महंगाई)
3- कोविड मिसमैनेजमेंट (कोरोना संक्रमण के मामले को संभालने में सरकार की विफलता)
4- किसान आंदोलन
5- सीमा पर जारी विवाद (चीन के साथ) शामिल हैं।
इन तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को जिम्मेदारी सौंपी है। मल्लिकार्जुन खड़गे अन्य विपक्षी दलों के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे।
बैठक में सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया है कि विपक्षी दलों के सभी सांसद दोनों सदनों के अंदर एक साथ इन तमाम मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के सभी सांसदों से कहा है कि वे बाकी दलों के साथ कोऑर्डिनेट करें।
18 जुलाई को होगी सर्वदलीय बैठक
आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है जो कि 13 अगस्त तक चलेगी। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने 18 जुलाई को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। माना जा रहा है कि सरकार विपक्षी दलों से सदन के सुचारू रूप से संचालन में मदद की अपील करेगी।
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मालूम हो कि संसद का मानसून सत्र कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन यदि छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा। मोदी सरकार इस 19 दिनों में संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी में है और इनको पास कराने की कोशिश भी करेगी। इन 30 बिलों में से 17 विधेयक नए हैं और बाकी संशोधन बिल हैं।