अजय माकन ने पीसी के दौरान सबसे पहले अरविंद केजरीवाल का 2014 का एक वीडियो दिखाया, जिसमें वे ये बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं कि, ‘एक अभी महिला ने बताया, पूरी दिल्ली में इन्होंने रेसीडेंशियल एरिया में दारू के ठेके खोल दिए। ये व्यवस्था की जाएगी कानून के अंदर अगर महिलाएं प्रस्ताव दें कि ये ठेके कहीं और शिफ्ट की जाएं तो वो शराब का ठेका बंद कर वहां से हटाना पड़ेगा।’ केजरीवाल के इस पुराने वीडियो को दिखाकर कांग्रेस ने सीधा सवाल किया कि महज सात वर्षों में केजरीवाल कैसे इतने बदल गए?
रिहायशी इलाकों में एक भी ठेका नहीं खोलने दिया गया था। सात चीजों की सूची थी जो रिहायशी इलाकों में लागू नहीं थी। इसमें शराब की दुकानें भी शामिल थीं। ये 2007 का मास्टर प्लान था, जो मैं खुद शहरी विकास मंत्री के तौर पर लेकर आया था।
849 दुकानों का टारगेट था इनमें 460 दिल्ली में खुले इनमें से 90 फीसदी रिहायशी इलाकों में खोली गई हैं, जो मास्टर प्लान का उल्लंघन है। इस प्लान के उल्लंघन मामले में दिल्ली एमसीडी इसको सील कर सकती थी। एमसीडी बीजेपी के अंडर में आती है। ऐसे में इस घोटाले में बीजेपी भी बराबरी की जिम्मेदार है।
एक कमेटी 2020 में बनाई गई, लिकर पॉलिसी कैसे बेहतर बनाई जाए। इसके दो सुझाव थे, एक होलसेल और एक रिटेल के लिए। इन दोनों सुझावों को भी आम आदमी पार्टी ने नहीं माना। 144 करोड़ रुपए शराब माफियाओं को माफ कर दिए गए। ये कहकर कि कोविड में इनको भारी नुकसान हुआ।
केजरीवाल ने शराब माफियाओं का 144 करोड़ रुपए तो माफ किया लेकिन छोटे दुकानदार का तो माफ नहीं किया। कई गरीब परिवार के लोग स्कूलों की लगातार फीस देते रहे और फीस माफ करने की मांग करते रहे लेकिन आपने किसी के माफ नहीं किए।
इससे पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में कई पदों पर रहे। इस समय जब कांग्रेस देश में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मसलों के खिलाफ लड़ रही है तो संघर्ष के समय गुलाम नबी आजाद हमलोग को छोड़ कर जा रहे हैं। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यह दुख की बात है कि गुलाम नबी आजाद विपक्ष की आवाज नहीं बन पाए।