विधानसभा चुनाव में टीएमसी की प्रचंड जीत में प्रशांत किशोर की एक बड़ी भूमिका रही है, क्योंकि वे टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार थे। उन्होंने दावा भी किया था कि यदि भाजपा 100 सीटों पर पहुंच जाती है तो वे अपने इस काम को करना छोड़ देंगे। बहरहाल, चुनाव में बीजेपी दहाई के आंकड़े (77) में ही सिमट गई और टीएमसी ने प्रचंड बहुमत (213 सीट) के साथ जीत दर्ज की।
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सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के बाद ही पार्टी में संगठनात्मक तौर पर बड़े बदलाव किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, चूंकि दर्जनों नेताओं और हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं ने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। अब ये खबर है कि प्रशासनिक और पार्टी की जिम्मेदारियों को लेकर बड़े फेरबदल हो सकते हैं। इससे पहले टीएमसी ये स्पष्ट कर चुकी है कि पार्टी के कामकाज को लेकर नया सिस्टम लागू किया जाएगा।
‘एक व्यक्ति-एक पद’ नियम होगा लागू
मालूम हो कि टीएमसी ने पिछले महीने जून में ही एक बड़ी घोषणा करते हुए ये स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ प्रणाली लागू किया जाएगा। पार्टी नेताओं को एक समय पर एक से अधिक पदों की जिम्मेदारी संभालने से रोकने के लिए यह घोषणा की गई थी।
पार्टी नेता पार्था चटर्जी ने कहा था कि आगे भी संगठन में और बड़े बदलाव होंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में 5 जून को टीएमसी वर्किंग कमेटी और संगठन स्तर की बैठक हुई थी, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए थे।
इस बैठक में प्रशांत किशोर भी शामिल थे। बैठक में टीएमसी ने 2021 विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के मद्देनजर प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) के साथ 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक काम करने का फैसला किया।