दरअसल कोरोना वायरस और लॉकडाउन ( Corona Lockdown ) के बाद जनता का मूड क्या है इसकी झलक राजनीतिक दलों को बिहार के विधान परिषद चुनाव से समझ में आ जाएगा। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद की 9 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दल इसे सत्ता का सेमीफानल तक मान रहे हैं।
लोगों की जिंदगी बचाने के लिए कैप्टन ने मोदी सरकार से मांगे 80 हजार करोड़ रुपए, जानें क्या है पूरा मामला प्रदेश में सत्ता पर काबिज जनता दल यू और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम भी तलाशने शुरू कर दिए गए है।
किस दल के हिस्से में कितनी सीटें जाएंगी इसको लेकर फिलहाल तस्वीर साफ नहीं हुई है। किसी भी दल ने अपने नामों का खुलासा अभी नहीं किया है। बदले सियासी समीकरण के बीच एनडीए गठबंधन को इस विधान परिषद के चुनाव में नुकसान और विपक्ष को फायदा हो सकता है।
दरअसल प्रदेश में 9 सीटों के लिए 6 जुलाई को चुनाव होने जा रहा है। इसकी घोषणा सोमवार को चुनाव आयोग ने की। दरअसल पहले ये चुनाव मई में होने वाले थे। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते इनको आगे बढ़ा दिया गया था।
निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, चुनाव की अधिसूचना 18 जून को जारी होगी और नामांकन पत्र 25 जून तक दाखिल किए जा सकेंगे।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर जारी किया अलर्ट, अगले दो दिन होगी मूसलाधार बारिश चुनाव संपन्न होने के बाद तय नियमों के मुताबिक 6 जुलाई की शाम को ही काउंटिंग की जाएगी। आपको बता दें कि बिहार विधान परिषद् के नौ सदस्यों का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो गया था। इसके बाद ये सीटें खाली हो गई थीं।
इन सीटों पर जद(यू)- भाजपा के सदस्य काबिज थे। बहरहाल, विधानसभा में बदले समीकरण के कारण इनमें से कुछ सीटें अब राष्ट्रीय जनता दल नीत विपक्ष के खाते में जा सकती हैं।