इसके तहत 28 सितंबर से प्रदेश में स्कूलों को खोलने की इजाजत दी गी है। हालांकि निर्णय के तहत सरकार ने सप्ताह में बच्चों को दो ही दिन स्कूल आना होगा। इसके अलावा भी सरकार ने स्कूलों को अहम गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के सख्ती से पालन के निर्देश भी दिए गए हैं।
केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका, जानें किस फैसले पर न्यायालय ने लगा दी रोक बिहार सरकार ने लॉकडाउन की वजह से पिछले 6 महीनों से बंद पड़े स्कूलों एक बार फिर खोलने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत हालांकि कोरोना वायरस को लेकर जारी किए गए नियमों के साथ-साथ अहम गाइडलाइन भी जारी की गई। सरकार का यह आदेश निजी और सरकारी दोनों स्कूलों पर लागू होगा।
गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को सप्ताह में दो दिन ही स्कूल जाना होगा। यही नहीं इस दौरान 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भी स्कूल में आएंगे। इस फैसले के तहत 30% बच्चे ही रोज स्कूल आ सकेंगे।
नई व्यवस्था के तहत 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चे ही स्कूल में पढ़ाई के लिए जा सकेंगे। स्कूलों को खोलने को लेकर जो गाइडलाइन सरकार की ओर से जारी किए गए हैं उस आदेश के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक का एक बच्चा सप्ताह में सिर्फ दो ही दिन स्कूल जा सकता है।
बिहार सरकार के इस फैसले के तहत केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए स्कूल खोलने और जाने की इजाजत दी गई है। इन नियमों का भी करना होगा पालन
– सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम हैं
– प्रैक्टिकल क्लास भी अभी नहीं होंगे
– स्कूल में बच्चों को मास्क लगाकर ही रहना होगा
– सैनिटाइजर भी साथ में रखना होगा
स्कूल प्रबंधन को भी रखना होगा ध्यान
इसके साथ ही स्कूलों को भी कई बातों का खास ध्यान रखना होगा। स्कूल प्रबंधन द्वारा साफ-सफाई से लेकर आक्सीजन लेवल जांचने के लिए आक्सीमीटर तक की व्यवस्था स्कूल में रखनी होगी।
जानें क्या है फेलुदा, इसका कोरोना वायरस और सत्यजीत रे से क्या है खास कनेक्शन आपको बता दें बिहार समेत देशभर में 14 मार्च से शैक्षणिक संस्थानों को कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए बंद कर दिया गया था। हालांकि इस बीच ऑनलाइन पढ़ाई स्कूलों ने जारी रखी। लेकिन नए सत्र में स्कूल फीस को लेकर कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गईं।
अभिभावक जहां स्कूल खोले जाने पर फीस लेने की बात कह रहे हैं, वहीं स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान की तरह की फीस अभिभावकों से वसूल रहा है।