पढ़ें-
Bihar Election: प्रत्याशियों पर जारी है जानलेवा हमले का सिलसिला, यहां देखें पूरी लिस्ट तीसरे चरण में मिथिलांचल, सीमांचल और कोसी क्षेत्र निर्णायक भूमिका में बात अगर मिथिलांचल हो तो यहां दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी जेल की विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन इलाकों में ब्राह्मण तकरीबन 35 प्रतिशत हैं। ब्राह्मण के अलावा यहां यादव और मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी अच्छी-खासी है। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि हार-जीत में इनकी भूमिका काफी निर्णायक होती है। वहीं, सीमांचल मुस्लिम बाहुल इलाका है। सीमांचल के इलाकों में महागठबंधन का राज है। लेकिन, इस बीजेपी NDA यानी बीजेपी और जेडीयू सीमांचल के इलाकों में सेंधामारी की जुगत में है। सीमांचल में किशनगंज, कस्बा, रुपौली, धमदाहा, फारबिसगंज, पूर्णिया, कटिहार, जोकीहाट, अररिया, मनिहारी, बनमनखी, बरारी, कदवा, कोचाधामन, बलरामपुर, हादुरगंज, ठाकुरगंज, नरपतगंज, बैसी, अमौर , कोढा, प्राणपुर, सिकटी, रानीगंज सीटें शामिल हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी।
आखिर किसके पक्ष में होगी वोटिंग? वहीं, कोसी क्षेत्र यादव बाहुल इलाका है। कोशी क्षेत्र में तीन जिले सुपौल, सहरसा, मधेपुरा आते हैं। यहां पर कुल 13 विधानसभा सीटें है। कहा यह भी जाता है कि कोशी क्षेत्र में पप्पू यादव का दबदबा है। लेकिन, जेडीयू, बीजेपी की भी यहां अच्छी पकड़ है। हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी को केवल एक सीटें मिली थी, जबकि जेडीयू को आठ सीटें मिली थी। वहीं, आरजेडी के खाते में चार सीटें गई थी। कोसी क्षेत्र में मामला त्रिशंकु भी हो सकता है। दरअसल, यहां यादव ही तय करते हैं कि किस पार्टी को जितना है और किसे हराना है। लिहाजा, तीसरे चरण में ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम वोटर्स की भूमिका काफी अहम होने वाली है।
पढ़ें-
Bihar Election Nitish Kumar का बड़ा ऐलान- यह मेरा अंतिम चुनाव, अंत भला तो सब भला